बैंकिंग फ्रॉड से बचने के लिए आरबीआई लेकर आया यह सुविधा
भारतीय रिजर्व बैंक आपको बैंकों में होने वाले फ्रॉड से बचाएगा। पर कैसे बचाएगा ये हम आपको यहां पर बताएंगे।
अक्सर आप बैंकिंग फ्रॉड से संबंधित खबरें सुनते और पढ़ते होंगे। ऐसी ही फ्रॉड से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक आपके लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है। रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया है कि वो सेंट्रल पेमेंट फ्रॉड इंफार्मेशन रजिस्ट्री बनाएगी। आपको बता दें कि अभी सभी तरह के बैंकिंग फ्रॉड सेंट्रल फ्रॉड मॉनिटरिंग सेल के पास रिर्पोट होते हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि डिजिटल पेमेंट के आने से पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके अलावा डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शन भी बढ़े हैं।
ऐसे में इस कारण से फ्रॉड रिस्क मॉनिटरिंग बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। बता दें कि बैंक का पेमेंट सिस्टम विजन 2021 के तहत पेमेंट सिस्टम में फ्रॉड के डेटा कलेक्ट करने का लक्ष्य बनाया गया है।
तो वहीं नई रजिस्ट्री फ्रॉड को ट्रैक करेगी। पेमेंट सिस्टम के भागीदारों की इस रजिस्ट्री तक पहुंच होगी। इससे वो फ्रॉड की मॉनिटरिंग कर सकेंगे। धोखाधड़ी का डाटा ग्राहकों को भी बताया जाएगा ताकि वो जागरुक हो सकेंगे। इस बारे में रिजर्व बैंक अक्टूबर 2019 तक नियम कायदे जारी करेगा।
आपको यह ज्ञात होना चाहिए कि डिजिटल बैंकिंग के आने के बाद से बैंक फ्रॉड के मामलों में वृद्धि देखी गई है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया था कि पिछले 11 साल में 2.05 लाख करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड भारत में हैं। वित्त वर्ष 2009 से 2019 तक फ्रॉड के 50 हजार मामले सामने आए।
ये बैंक फ्रॉड लगभग हर बैंक में रिपोर्ट किए गए। आईसीआईसीआई बैंक में 5033 करोड़ रुपए के 6811 फ्रॉड के केस सामने आए। ये सभी बैंक में सबसे ज्यादा है। तो वहीं एसबीआई में पिछले 10 साल में 6793 फ्रॉड के केस सामने आए। जबकि एचडीएफसी बैंक में इस तरह के 1200 करोड़ रुपये के 2497 बैंक फ्रॉड के मामले सामन आए।
आपको बता की बुधवार को ही आरबीआई ने रेपो रेट प्रस्तुत की जिसमें की यानी ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत की कटौती की है जिसके तहत अब होम लोन लेना सस्ता पड़ेगा।