विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी की जगह लेगा अब यह शख्स
विप्रो के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन अजीम प्रेमजी आज रिटायर होने वाले हैं जिसके बाद से अब उनकी जगह उनके बेटे रिशद प्रेमजी अब उनका पद संभालेंगे।
आईटी कंपनी विप्रो में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। जी हां विप्रो के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन अजीम प्रेमजी आज रिटायर होने वाले हैं जिसके बाद से अब उनकी जगह उनके बेटे रिशद प्रेमजी अब उनका पद संभालेंगे। विप्रो की बोर्ड बैठक में इस पर मुहर लगाई जा रही है। कंपनी ने अजीम के बेटे रिशद प्रेमजी को अगले 5 साल के लिए एग्जिक्यूटिव चेयरमैन पर नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 31 जुलाई से प्रभावी होगी। तो चलिए आपको रिशद प्रेमजी के बारे में थोड़ी जानकारी दे देते हैं।
आपको बता दें कि सन 2007 में रिशद विप्रो का हिस्सा बने थे। विप्रो में काम शुरू करने से पहले वो बेव कंपनी लंदन में काम करते थे। उन्होंने जीई कैपिटल के साथ भी काम किया है। रिशद प्रेमजी ने हॉवर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है। वर्ष 2014 में उन्हें वर्ल्ड इकोनमिक फोरम ने यंग ग्लोबल लीडर का अवार्ड दिया था। रिशद आईटी कंपनियों के संगठन नैस्कॉम के चेयरमैन भी हैं।
रिशद विप्रो की तरफ से चलाए जा रहे सामाजिक और शिक्षा से जुड़े कामों को भी देखते रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रिशद विप्रो में यंग प्रोफेशनल्स को ज्यादा इनसेंटिव देने के पक्ष में रहते हैं। वे ऐसा करने वाली कंपनी के साथ ज्यादा बेहतर लोगों को जोड़े रखना चाहते हैं।
बता दें कि रिशद के पिता अजीम प्रेमजी का जन्म 29 दिसंबर, 1945 को हुआ था। उनके दादा भारत के जाने-माने चावल के व्यापारी थे। तो वहीं प्रेमजी का बचपन मुंबई में बीता। अजीम प्रेमजी के पिता मो. हुसैन हशम प्रेमजी भी व्यापारी थे। अजीम की मां गुल बानो ने मेडिकल डिग्री ली थी, लेकिन वह प्रैक्टिस नहीं करती थीं। हशम प्रेमजी ने महाराष्ट्र के अमलनेर में फैक्टरी लगाई थी। वहां वनस्पति तेल, साबुन आदि का प्रॉडक्शन होता था।
साथ ही प्रेमजी का परिवार गुजरात से नाता रखता है। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना भी गुजराती मुस्लिम थे। जब भारत का विभाजन हुआ, तब जिन्ना ने हशम प्रेमजी को पाकिस्तान में बसने के लिए बुलाया था। जिन्ना ने उन्हें पाकिस्तान का वित्त मंत्री बनाने की पेशकश की थी लेकिन हशम प्रेमजी ने अपनी जन्मभूमि भारत में ही रहना पसंद किया।