एफएमसीजी सेक्टर की वृद्धि दर धीमी पड़ी
चालू वर्ष में एफएमसीजी सेक्टर की वृद्धि दर धीमी पड़ने की आशंका है।
नई दिल्ली: चालू वर्ष में एफएमसीजी सेक्टर की वृद्धि दर धीमी पड़ने की आशंका है। जी हां मार्केट रिसर्च फर्म नीलसन इंडियाने देश के एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्टर के लिए ग्रोथ टार्गेट को कम कर दिया है। बता दें कि कंपनी के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में एफएमसीजी इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट लगभग 12 फीसदी रह गई है। जबकि इसके 13-14 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। ग्रामीण इलाकों में एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की मांग में कमी के चलते सेक्टर की विकास दर प्रभावित हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ तिमाहियों में शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में एफएमसीजी सेक्टर की ग्रोथ रेट दोगुनी तेजी से कम हो रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में एफएमसीजी की विकास दर शहरी विकास दर के करीब
जैसा कि रिपोर्ट के अनुसार इस बात की जानकारी मिली है कि ग्रामीण भारत कुल एफएमसीजी खरीदारी में 37 फीसदी का योगदान करता है। हमेशा से गांवों में एफएमसीजी की खरीदारी, उपलब्धता और मांग में बढ़ोतरी शहरों से 3-5 फीसदी ज्यादा रही है। हालांकि पिछले कुछ तिमाहियों में ग्रामीण क्षेत्रों में एफएमसीजी की ग्रोथ रेट शहरों के मुकाबले दोगुनी तेजी से घटी है। वहीं 2019 की दूसरी तिमाही में ग्रामीण क्षेत्रों में एफएमसीजी की विकास दर शहरी विकास दर के नजदीक आ गई है।
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लगातार तीसरी तिमाही में एफएमसीजी सेक्टर में सुस्ती दर्ज
जबकि वित्त वर्ष 2019 की अप्रैल-जून तिमाही में एफएमसीजी सेक्टर की वैल्यू ग्रोथ में 10 फीसदी की गिरावट हुई है। यह लगातार तीसरी तिमाही है जब एफएमसीजी सेक्टर में सुस्ती दर्ज कराई गई है। हालांकि पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 16.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। नीलसन साउथ ईस्ट एशिया के रिटेल मेजरमेंट सर्विसेज के हेड सुनील खिआनी के मुताबिक 2019 के अंत तक देश भर में एफएमसीजी ग्रोथ 9 से 10 फीसदी की रेंज में रहेगा। इस रेंज के तहत फूड कैटेगरी 10-11 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जबकि पर्सनल केयर 7 फीसदी और होम केयर 8 फीसदी की दर से बढ़ेगी।
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ग्रोथ रेट गिरने के पीछे मुख्य कारण
जानकारी दें कि खियानी के मुताबिक एफएमसीजी सेक्टर की विकास दर गिरने के पीछे चार प्रमुख कारण हैं- मैक्रोइकोनॉमिक्स, सरकारी नीतियां, मानसून और लो-बेस इफेक्ट। हालांकि नीलसन रिपोर्ट के मुताबिक एफएमसीजी सेक्टर में ओवरऑल स्लोडाउन के लिए दो कारक जिम्मेदार हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में कम होती पकड़ और छोटे मैन्युफैक्चरर्स को मिलने वाले लाभ में गिरावट।