दुनिया के अमीरों की बदल गई लिस्ट, जानिए कौन किस नंबर पर
नई दिल्ली। लग्जरी साामान बनाने वाली कंपनी एलवीएमएच (लुई विटन मोएत हेनेसी) के अध्यक्ष और सीईओ बर्नार्ड अरनॉल्ट ने दुनिया के अमीरों की लिस्ट में दुसरा स्थान बना लिया है। इस स्थान पर अभी तक रहे माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स को तीसरे नंबर पर ढकेल दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि बिल गेट्स ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की लिस्ट में तीसरे नंबर पर खिसके हों। लिस्ट के अुनसार बर्नार्ड की कुल संपत्ति बढ़कर 10,800 करोड़ डॉलर यानी करीब 7.5 लाख करोड़ रुपए हो गई है। इस लिस्ट में अमेजन के जेफ बेजोस अभी भी पहले नंबर पर बने हुए हैं। इस प्रकार ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की लिस्ट में टॉप 5 अमीरों में 4 अमेरिका हैं।
100 करोड़ डॉलर क्लब में सिर्फ 3 शख्स
अरनॉल्ट पिछले महीने 100 अरब डॉलर नेटवर्थ क्लब में शामिल हुए थे। इस क्लब में शामिल होने वाले दुनिया के सिर्फ तीसरे अमीर थे। इससे पहले सिर्फ जेफ बेजोस और बिल गेट्स ही इस क्लब में शामिल रहे हैं। अरनॉल्ट के पास एलवीएमएच कंपनी के करीब 50 फीसदी शेयर हैं।
दुनिया के टॉप 5 अमीर
-जेफ बेजोस, अमेजन (अमेरिका)
-बर्नार्ड अरनॉल्ट, एलवीएमएच (फ्रांस)
-बिल गेट्स, माइक्रोसॉफ्ट (अमेरिका)
-वॉरेन बफे, बर्कशायर हैथवे (अमेरिका)
-मार्क जकरबर्ग, फेसबुक (अमेरिका)
पहली बार नंबर 3 पर आए बिल गेट्स
ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की लिस्ट में बिल गेट्स पहली बार तीसरे नंबर पर आए हैं। इस इंडेक्स के मुताबिक उनकी कुल संपत्ति 17 जुलाई को 10,700 करोड़ डॉलर यानी करीब 7.4 लाख करोड़ रुपये थी।
बर्नार्ड अरनॉल्ट जानिए कितनी बढ़ी दौलत
बर्नार्ड अरनॉल्ट कुछ समय पहले ही ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के टॉप 10 में शामिल हुए थे। सिर्फ इसी साल यानी 1 जनवरी से अब तक अरनॉल्ट की संपत्ति में 2.73 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है। ब्लूमबर्ग की लिस्ट में शामिल 500 पैसे वालों में अकेले अर्नाल्ट ही हैं, जिन्होंने इतने कम समय में अपनी नेटवर्थ में इतना इजाफा किया है।
एलवीएमएच के शेयर की तेजी का मिला फायदा
एलवीएमएच के शेयर में इस दौरान 1.38 फीसदी की तेजी आने से अरनॉल्ट की नेटवर्थ कल तक यानी मंगलवार को बढ़कर करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये हो गई।
1984 में लग्जरी गुड्स मार्केट में उतरे
अर्नाल्ट ने 1984 में लग्जरी गुड्स मार्केट में अपना दखल बढ़ाया। इस दौरान उन्होंने टेक्सटाइल ग्रुप का अधिग्रहण किया था, जिसके पास क्रिश्चियन डायर का भी मालिकाना हक था। 4 साल बाद उन्होंने कंपनी के अन्य बिजनेस बेच दिए और एलवीएमएच में कंट्रोलिंग स्टेक खरीद ली। इसके बाद से उनका कारोबार लगातार बढ़ता ही रहा।