थोक महंगाई दर जून में 2.02% रही, 23 महीने में सबसे कम
थोक मंहगाई के मोर्चे पर जून में राहत मिली है। थोक कीमतों पर आधार महंगाई जून में लगातार 23 महीने घटकर 2.02 फीसदी रह गई।
नई दिल्ली: थोक मंहगाई के मोर्चे पर जून में राहत मिली है। थोक कीमतों पर आधार महंगाई जून में लगातार 23 महीने घटकर 2.02 फीसदी रह गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, महंगाई में कमी की मुख्य वजह सब्जियों की कीमतों में नरमी रही। इसके अलावा फ्यूल एंड पावर आइटम्स की कीमतों में भी कमी देखने को मिली। इससे पहले मई में डब्ल्यूपीआई 2.45 फीसदी रहा था। वहीं एक साल पहले समान महीने यानी जून, 2018 में यह 5.68 फीसदी रहा था।
जून में सब्जियों की महंगाई घटकर 24.76 फीसदी
वहीं फूड आर्टिकिल्स आधारित महंगाई मामूली कमी के साथ 6.98 फीसदी रह गई। जबकि मई में यह आंकड़ा 6.99 फीसदी रहा था। बता दें कि जून में सब्जियों की महंगाई घटकर 24.76 फीसदी रह गई। जबकि पिछले महीने यानी मई में यह 33.15 फीसदी रही थी। जून में आलुओं की कीमतों में 24.27 फीसदी की कमी दर्ज की गई, जबकि मई में इसमें 23.36 फीसदी की कमी देखने को मिली थी।
प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी जारी
जानकारी दें कि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी का ट्रेंड जारी रहा, जिसमें जून में 16.63 फीसदी महंगाई दर्ज की गई। इससे पहले मई में प्याज की महंगाई 15.89 फीसदी रही थी। वहीं जून में डब्ल्यूपीआई महंगाई 23 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई, इससे पहले जून, 2017 में थोक महंगाई 1.88 फीसदी रही थी।
मैन्युफैक्चर्ड आइटम्स की महंगाई जून में घटकर 0.94 फीसदी
बात करें अगर फ्यूल एंड पावर कैटेगरी की तो महंगाई में 2.20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। जबकि पिछले महीने यह आंकड़ा 0.98 फीसदी रहा था। मैन्युफैक्चर्ड आइटम्स की महंगाई जून में घटकर 0.94 फीसदी रह गई। जबकि मई में यह आंकड़ा 1.28 फीसदी रहा था।
क्या होती है WPI महंगाई दर
भारत में आर्थिक नीतियों को तय करने में थोक मूल्य सूचकांक का बड़ा महत्व होता है। थोक बाजार में वस्तुओं के समूह की कीमतों में सालाना तौर पर कितनी बढ़ोत्तरी हुई है इसका आकलन महंगाई के थोक मूल्य सूचकांक के जरिए किया जाता है। भारत में इसकी गणना तीन तरह की महंगाई दर, प्राथमिक वस्तुओं, ईंधन और विनिर्मित वस्तुओं की महंगाई में बढ़त के आधार पर की जाती है। भारत में वित्तीय और मौद्रिक नीतियों के कई फैसले थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर के हिसाब से ही की जाती रही है।
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