सितंबर में बेकार हो जाएंगे 22 करोड़ पैन कार्ड, जानें क्यों
नई दिल्ली। मोदी सरकार ब्लैक मनी के खिलाफ सख्ती के जानी जाती है। यही कारण है कि सरकार पैन कार्ड को लेकर सख्ती कर रही है। सरकार ने आदेश दिया है कि अगर सितंबर तक लोगों ने अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया, तो वह इनवैलिड हो जाएंगे। इस समय देश में करीब 40 करोड़ पैन कार्ड हैं, जिनमें से केवल 18 करोड़ आधार से लिंक हैं। इसका मतलब करीब 22 करोड़ पैन कार्ड खतरे में हैं।
बढ़ाई गई है समयसीमा
पहले सरकार ने लोगों से 31 मार्च 2019 तक अपने पैन कार्ड को आधार से लिंग कराने को कहा था। लेकिन अंतिम समय में इस तारीख को आगे बढ़ा दिया गया था। उस समय यह समय सीमा सितंबर 2019 तक की गई थी। वहीं बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर अनुसार, 1 सितंबर के बाद ऐसे लोग जो टैक्स रिटर्न के अलावा एक निश्चित ट्रांजैक्शन के लिए आधार का उल्लेख करते हैं, साथ ही उनका पैन नंबर, आधार से लिंक नहीं है तो उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एक नया पैन कार्ड जारी कर देगा। ऐसे लोग अपना पैन नंबर ऑनलाइन डॉउनलोड भी कर सकेंगे और भविष्य में इसका उपयोग कर सकेंगे।
पैन कार्ड की सच्चाई जांचेगी सरकार
रिवेन्यू सेक्रेटरी अजय भूषण पांडे ने कहा है कि कई बार तारीख बढ़ाने के बाद भी अगर पैन कार्ड को आधार लिंक नहीं कराया जा रहा है तो यह देखना होगा कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं है। ऐसे में इन पैन कार्ड को तब तक के लिए ब्लॉक किया जा सकता है, जब तक इन्हें आधार से लिंक न करा लिया जाए।
बजट में आया है नया नियम
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव कियाा है कि कि देश में 120 करोड़ से अधिक आधार नंबर होने के चलते इसे ही पैन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। अब कोई भी व्यक्ति आईटीआर भरने के लिए पैन नंबर की जगह आधार का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन इसमें एक शर्त यह है कि इसकी छूट उन्हीं को होगी जिनके पास पैन कार्ड नहीं है।
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