बजट में ई- पेमेंट बढ़ाने पर सरकार का जोर
मास्टरकार्ड और वीजा को भारत में बड़ा झटका लग सकता है।
नई दिल्ली: मास्टरकार्ड और वीजा को भारत में बड़ा झटका लग सकता है। अगर आप भी अपने मास्टरकार्ड या वीजा कार्ड का अधिक इस्तेमाल करते हैं तो आने वाले दिनों में आपके लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं। दरअसल, सरकार ने 50 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाले बिजनेस में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट पर बैंक चार्ज से छूट दी है। सरकार द्वारा दिए गए इस छूट के बाद अब कारोबारी मास्टरकार्ड या वीजा कार्ड की तुलना में यूपीआई व अन्य ई-पेमेंट भुगतान को स्वीकारना पसंद करेंगे। वहीं 50 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले रिटेलर क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर अधिक निर्भर हैं, जिसके लिए वे मर्चेंट डिस्काउंट रेट के जरिए 2 फीसदी तक पे करते थे।
कंपनियों के लिए अब अनिवार्य होगा
इस बात से भी अवगत करा दें कि यूनियन बजट 2019 के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन कंपनियों के लिए अब अनिवार्य होगा कि वे अपने इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट का विकल्प उपलब्ध करायें। इन इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट माध्यमों में भीम यूपीआई, यूपीआई-क्यूआर कोड, आधार पे, कुछ डेबिट कार्ड, नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट शामिल हैं। इनमें से किसी भी मोड के जरिए पेमेंट पर शुल्क का भुगतान बैंक और आरबीआई करता है।
सरकार के डिजिटल पेमेंट की योजना को भी समर्थन
वहीं इन बड़े बिजनेस में ई-पेमेंट की सुविधा देने के लिए इस साल 1 नवंबर 2019 से इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 269SU के तहत नया नियम लागू कर दिया जायेगा। लिहाजा, इस नियम के लागू होने के बाद यूपीआई बेस्ड पेमेंट में इजाफा होगा। इसके साथ ही सरकार के डिजिटल पेमेंट की योजना को भी समर्थन मिलेगा। हालांकि, वित्त मंत्री के भाषण में 'निश्चित डेबिट कार्ड' से कुछ लोग यह भी मान रहे हैं कि सरकार रूपे और अन्य कार्ड ( मास्टर कार्ड व वीजा कार्ड) पेमेंट के बीच एक लकीर खींचने की कोशिश कर रही है।
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