बजट 2019: महिलाओं के लिए ये बजट हो सकता है खास
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट 5 जुलाई को पेश होने जा रहा है।
नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला केंद्रीय बजट 5 जुलाई को पेश होने जा रहा है। बता दें कि यह बजट देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पेश करने जा रही है। वैसे तो हर आम बजट में महिलाओं के लिए कुछ ना कुछ होता है, लेकिन इस बार एक महिला वित्तमंत्री देश का बजट पेश कर रही हैं, तो महिलाओं की इस बजट से उम्मीदें भी कहीं ज्यादा बढ़ गई हैं। जानकारी के मुताबिक, एजुकेशन लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की समय सीमा हट सकती है। वहीं बच्चों की परवरिश में बढ़ते खर्च पर भी राहत मिलने की संभावना है। तो आइए जानते हैं कि वे कौन-कौन सी उम्मीदें हैं, जो महिलाएं इस बजट से लगाए हुए है।
महिलाओं को 40 हजार रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं
आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबिक, बजट में महिलाओं को टैक्स छूट की सौगात मिल सकती है। कामकाजी महिला के बच्चों की क्रेच फीस पर टैक्स छूट मिलने की संभावना है। क्रेच फीस पर टैक्स छूट अधिकतम 7500 रुपये तक हो सकती है। यह टैक्स छूट अधिकतम 2 बच्चों की क्रेच फीस पर देने का विचार किया जा रहा है। जानकारी दें कि मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में घोषणा की थी कि महिलाओं को बैंक से 40 हजार रुपये तक के ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा। यानी अगर महिलाएं बैंक से 40 हजार रुपये तक ब्याज पाती हैं तो उस पर टीडीएस नहीं लगेगा।
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महिलाओं को अंतरिम बजट में मिली थे ये तोहफे
अंतरिम बजट में सरकार ने गर्भवती महिलाओं के लिए पीएम मातृ योजना की घोषणा की जिसके तहत महिलाओं को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। वहीं सरकार ने श्रमिक की मौत पर 2.5 लाख रुपये की बजाय अब 6 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया. इसके अलावा ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर सरकार ने 20 लाख कर दिया। बता दें कि 2018 का बजट खासकर महिलाओं पर फोकस था। इसमें नौकरीपेशा महिलाओं की पीएफ मदद को पहले तीन साल आठ फीसद करने का फैसला हुआ था। इससे कामकाजी महिलाओं की इन हैंड सैलरी बढ़ गई थी। इस बजट से उम्मीद है कि कामकाजी महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं को और बढ़ाया जा सकता है।
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इस बजट में महिलाओं को ये उम्मीद
महिलाएं को इस बजट से उम्मीद है कि सरकार द्वारा नया कारोबार शुरू करने के लिए सस्ते ब्याज पर ऋण को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि अभी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की 70 फीसदी से ज्यादा लाभार्थी महिलाएं ही हैं, इन्हें अपना खुद का कारोबार शुरू करने के लिए जमानत-मुक्त कर्ज प्राप्त हो रहा है। इतना ही नहीं महिलाओं की हर बजट से मांग होती है कि महिलाओं की इस्तेमाल की चीजों पर टैक्स कम से कम हो। साथ ही सोने के आभूषण, ब्रेंडेड कपड़ों, ग्रोसरी और कॉस्मेटिक चीजों की कीमतों में हर महिला कटौती चाहती है।
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