गरीबों के राशन कार्ड पर मोदी सरकार का बड़ा दावं, जानें योजना
नई दिल्ली। मोदी सरकार गरीबों के राशन कार्ड पर बड़ा दावं लगाने जा रही है। सरकार की योजना है कि राशन कार्ड को देशव्यापी बनाया जाए, जिससे अगर गरीब अपना ठिकाना बदले तो उसे राशन लेने में दिक्कत का सामना न करना पड़े। मोदी सरकार इसे 'एक देश एक राशनकार्ड' नाम दे रही है। यह जानकारी खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने देते हुए कहा है कि सरकार 'एक देश एक राशन कार्ड' की ओर बढ़ रही है।
क्या होगा फायदा
इस योजना के लागू होने के बाद गरीबों को अगर रोजीरोटी के लिए देश के अन्य हिस्सों में जाना पड़ता है। ऐसे में वह सस्ते राशन से वंचित हो जाते हैं। लेकिन इस योजना के बाद गरीबों को देशभर में सस्ता राशन मिल सकेगा। इसके अलावा राशन की दुकानों चलाने वालों की मनमानी पर भी रोक लगेगी।
कहां कहा पासवान ने ऐसा
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर राज्य के खाद्य सचिवों के साथ एक सम्मेलन में अपनी बात रख रहे थे। इसमें भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राज्य भंडारण निगम (एसडब्ल्यूसी) के अधिकारी शामिल थे। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि पासवान ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के कुशल क्रियान्वयन, पूर्ण कम्प्यूटरीकरण, खाद्यान्नों के भंडारण और वितरण में पारर्दिशता और एफसीआई, सीडब्ल्यूसी और एसडब्ल्यूसी डिपो ऑनलाइन सिस्टम (डॉस) के साथ समन्वय बनाने सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की।
किसी भी पीडीएस से मिल सकेगा अनाज
इस सरकारी बयान में बताया गया है कि बैठक में, ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना की ओर बढ़ने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत सभी लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासियों को सुनिश्चित किया जाएगा कि वे अपनी पसंद की किसी भी राशन की दुकान से सामान ले सकते हैं। यहां पर किसी भी दुकान का मतलब है कि देश भर में पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) की किसी भी दुकान से।
रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने वाले मजदूरों को होगा फायदा
पासवान के अनुसार इसका सबसे बड़ा लाभार्थी उन प्रवासी मजदूरों को होगा, जो रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाते हैं। इस स्कीम के लागू होने के बाद वह अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगे। इस बयान में कहा गया है कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ‘वन नेशन वन राशन कार्ड' के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। आशा जताई गई है कि गले दो महीनों में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लाभार्थी इस योजना का फायदा उठा सकेंगे।
कई राज्यों में लागू है ऐसी प्रणाली
कई राज्यों में जैसे आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में पहले से ही यह प्रणाली लागू है। इस कारण इन राज्य के राशन कार्डधारक राज्य के किसी भी जिले से अपने हिस्से का खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। अब इसी प्रणाली को पूरे देश में लागू किया जाना है।