मोदी सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को दी चेतावनी, जानें क्या है वजह
सरकार ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ी मात्रा में डिस्काउंट देने को लेकर चेताया है।
नई दिल्ली: सरकार ने विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ी मात्रा में डिस्काउंट देने को लेकर चेताया है। जी हां भारत ने अमेजन और वालमार्ट की फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों से कहा कि उन्हें विदेशी निवेश के नए नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए, जिनका उद्देश्य भारी ऑनलाइन डिस्काउंट्स उपलब्ध कराने से रोकना है। रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में तीन सूत्रों के हवाले से यह बात कही है।
वहीं सूत्रों के मुताबिक, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भले ही सरकार अपने नए विदेशी निवेश के नियमों के बारे में आपत्तियां सुनने के लिए तैयार है, लेकिन वह विदेशी फंडिंग प्राप्त कंपनियों की कीमतों को लेकर मनमानी से छोटे ट्रेडर्स की रक्षा करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। बता दें कि सोमवार को गोयल ने कई ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ हुई एक मीटिंग के दौरान इस बात का जिक्र किया। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के भारत दौरे से पहले वाणिज्य मंत्री की टिप्पणी खासी अहम थी।
नए ई-कॉमर्स एफडीआई नियम 1 फरवरी से लागू हुए थे
वहीं 1 फरवरी को भारत ने अपने लाखों छोटे कारोबारियों के हितों की रक्षा के लिए नए ई-कॉमर्स एफडीआई नियम लागू किए थे, लेकिन छोटे कारोबारी और भारतीय जनता पार्टी के करीबी समूह का कहना है कि इसमें अभी भी खासी समस्याएं हैं। उनका आरोप है कि नियमों से बचने के लिए बड़े ऑनलाइन रिटेलर जटिल बिजनेस स्ट्रक्चर का उपयोग करते हैं और डिस्काउंट देने के लिए अभी भी अरबों डॉलर खर्च कर रहे हैं।
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फ्लिपकार्ट और अमेजन ने कहा नियमों का पालन कर रहे
अमेजन और फ्लिपकार्ट ने कहा कि वे नियमों का पालन कर रहे हैं और उन्होंने किसी तरह का गलत काम करने से इनकार किया। दोनों कंपनियों और अमेरिका सरकार ने जनवरी में लागू इन नियमों का विरोध करते हुए कहा था कि इससे कंपनियां अपने बिजनेस स्ट्रक्चर को बदलने के लिए मजबूर हो जाएंगी। गोयल ने मीटिंग में सरकार की नई एफडीआई नीति का बचाव करते हुए कहा था कि किसी भी कंपनी द्वारा नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। सरकार छोटे दुकानदार को प्रभावित करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को डिस्काउंटिंग प्रैक्टिस अपनाने की अनुमति नहीं देगी।
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साल 2021 तक भारतीय ई-कॉमर्स करीब 5.8 लाख करोड़ रुपए
हाल के वर्षों में भारत में ई-कॉमर्स मार्केट काफी तेजी से बढ़ा है। डेलॉय और रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 तक भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट 8,400 करोड़ डॉलर (करीब 5.8 लाख करोड़ रुपए) का हो जाएगा। 2017 में यह 2,400 करोड़ डॉलर (1.6 लाख करोड़ रुपए) का ही था। इस वजह से कई विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां भारत में अपना कारोबार बढ़ाने में लगी हैं। वालमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी है।
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