अप्रैल में 10.88 लाख रोजगार का हुआ निर्माण
देश में लगातार नए रोजगार पैदा हो रहे हैं और जिससे लोगों को काम मिल रहा है।
नई दिल्ली: देश में लगातार नए रोजगार पैदा हो रहे हैं और जिससे लोगों को काम मिल रहा है। इस साल अप्रैल में 10.88 लाख रोजगार सृजित हुए। जबकि यही पिछले साल इसी महीने में हुये 10.77 लाख रोजगार सृजन के मुकाबले थोड़ा अधिक है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के ग्रॉस सैलरी पेमेंट के उपलब्ध आंकड़े से यह जानकारी सामने आई है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने सितंबर 2017 से अप्रैल 2019 के रोजगार परिदृश्य के बारे में रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अलावा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और पेंशन कोष नियामकीय एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा संचालित एनपीएस के आंकड़ों के आधार पर जारी की गयी है।
आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में 1.49 करोड़ नये लोगों का पंजीकरण
इस बात की भी जानकारी दें कि जारी आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में 1.49 करोड़ नये लोगों का पंजीकरण हुआ। इसका मतलब है कि वित्त वर्ष के दौरान इतने रोजगार का निर्माण हुआ। वहीं सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान कुल 83.31 लाख नये अंशधारक ईएसआई योजना से जुड़े। बता दें आपको कि ईएसआईसी कर्मचारियों के लिये स्वास्थ्य बीमा चलाता है।
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इसी प्रकार, ईपीएफओ के रोजगार के आंकड़े के अनुसार शुद्ध रूप से अप्रैल 2019 में 10.43 लाख रोजगार सृजित हुए। हालांकि आंकड़े के अनुसार ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत 2018-19 में शुद्ध रूप से 61.12 लाख लोग पंजीकृत हुए। वहीं सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान 15.52 लाख नये अंशधारक जुड़े।
सरकार के दूसरे कार्यकाल में रोजगार बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती
आपको इस बात से भी अवगत करा दें कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में रोजगार बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती है। रोजगार के मोर्चे पर मौजूदा सरकार को काफी आलोचना का शिकार होना पड़ा था। ईपीएफओ के मुताबिक, अक्टूबर 2018 से अप्रैल अंत तक औसत मासिक नौकरी सृजन में 26 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि नौकरियों के सृजन के मोर्चे में भी सुस्ती देखने को मिली है। बता दें कि बीते दिनों एनएसएसओ की पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) रिपोर्ट में कहा गया था कि 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी तक पहुंच गई जो 45 साल में सबसे ज्यादा है।
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