रिलायंस ने विदेशी कर्जदाताओं से लिया 12,900 करोड़ रुपये का लोन
रिलायंस जियो ने विदेशी कर्जदाताओं से लोन लिया है।
नई दिल्ली: रिलायंस जियो ने विदेशी कर्जदाताओं से लोन लिया है। जी हां रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 1.85 अरब डॉलर (12,900 करोड़ रुपए) के लॉन्ग टर्म लोन के लिए ओवरसीज लेंडर्स के साथ समझौता किया है। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी इस फंड को अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर में इस्तेमाल करेगी। बता दें कि हाल में ऐसी खबरें आई थीं कि कंपनी ब्रॉडबैंड और ई-कॉमर्स सेक्टर में पैठ जमाने के लिए अपनी टेलिकॉम यूनिट जियो में 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश की योजना बना रही है। यह निवेश इसलिए भी अहम है, क्योंकि माना जा रहा है कि कंपनी भविष्य में 5जी मोबाइल टेलीफोनी सर्विसेस में भी एंट्री कर सकती है।
आरआईएल ने विदेशी लेंडर्स के साथ किया समझौता
जानकारी दें कि रिलायंस ने एक रेग्युलेटरी फाइलिंग में कहा है कि कंपनी ने 1.85 अरब डॉलर के लॉन्ग टर्म लोन के लिए विदेशी लेंडर्स के साथ समझौता किया है। इसके माध्यम से कंपनी अपने प्लान्ड एक्सपेंडिचर पूरे करेगी। कंपनी ने इस लोन के टेन्योर और इंटरेस्ट रेट जैसी ज्यादा डिटेल दिए बिना कहा कि वह समय-समय पर लेंडर्स के साथ फाइनेंसिंग के अवसरों का आकनल करती है और नियमों के तहत इनसे जुड़े डिसक्लोजर करती है। बता दें कि 1700 करोड़ रुपए के सीएसआर फंड के कथित डायवर्जन से जुड़ी खबर के संबंध में आरआईएल ने एक अलग फाइलिंग में कहा कि कंपनी मामलों का मंत्रालय (एमसीए) उसकी सीएसआर गतिविधियों पर कंपनी से समय-समय पर जानकारी मांगता रहता है।
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इस बात से भी अवगत करा दें कि ज्यादा डिटेल दिए बिना कंपनी ने कहा कि कंपनी एमसीए को हर जरूरी जानकारी उपलब्ध करा चुकी है। एमसीए ने हाल में सीएसआर प्रोजेक्ट्स पर अतिरिक्त जानकारी मांगी थी और कंपनी इसे उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है। वहीं फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि कंपनी अपनी कार्यान्वयन एजेंसी रिलायंस फाउंडेशन के माध्यम से पूरे भारत में सीएसआर गतिविधियां चलाती है और अन्य प्रतिष्ठित एजेंसियों से भी सहयोग लेती है। कंपनी को भारत में सीएसआर योगदान करने वाली सबसे बड़ी कंपनी होने पर गर्व है।