जियो ने एक बार फिर से मारी बाजी, सभी टेलीकॉम सर्विसेज में आगे
देश में टेलीकॉम यूजर्स की संख्या अप्रैल में मामूली बढ़कर 118.37 करोड़ पर पहुंच गई।
नई दिल्ली: देश में टेलीकॉम यूजर्स की संख्या अप्रैल में मामूली बढ़कर 118.37 करोड़ पर पहुंच गई। रिलायंस जियो और पब्लिक सेक्टर की बीएसएनएल के मोबाइल ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी से कुल फोन कनेक्शनों की संख्या बढ़ी है। बता दें कि भारतीय दूरसंचार नियामक एवं विकास प्राधिकरण (ट्राई) की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी। वहीं ट्राई की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल के अंत तक देश में टेलीकॉम यूजर्स की संख्या मामूली बढ़कर 118.37 करोड़ हो गई, जो मार्च के अंत तक 118.35 करोड़ थी। इस दौरान मोबाइल ग्राहकों की संख्या मार्च के 116.18 करोड़ से बढ़कर 116.23 करोड़ पर पहुंच गई।
जियो के ग्राहकों की संख्या 80 लाख से अधिक बढ़कर 31.48 करोड़
आपको बता दें कि इस महीने के दौरान रिलायंस जियो और बीएसएनएल ने संयुक्त रूप से 83.1 लाख नए ग्राहक जोड़े। लेकिन इस दौरान भारती एयरटेल, टाटा टेलीसर्विसेज, वोडाफोन आइडिया, एमटीएनएल और रिलायंस कम्युनिकेशंस के ग्राहकों की संख्या कम हुई। वहीं इस दौरान जियो के ग्राहकों की संख्या 80 लाख से अधिक बढ़कर 31.48 करोड़ हो गई। बीएसएनएल के ग्राहकों की संख्या 2.32 लाख बढ़कर 11.58 करोड़ पर पहुंच गई।
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देश में लैंडलाइन कनेक्शनों की संख्या मार्च में घटी
वहीं दूसरी ओर अप्रैल में भारती एयरटेल के ग्राहकों की संख्या में 32.8 लाख की कमी आई। इसी तरह टाटा टेलीसर्विसेज के ग्राहकों की संख्या 29.5 लाख, वोडाफोन आइडिया की 15.8 लाख, एमटीएनएल की 4,170 और आरकॉम की 108 घट गई। बात करें लैंडलाइन कनेक्शन की तो अप्रैल के दौरान देश में लैंडलाइन कनेक्शनों की संख्या मार्च के 2.17 करोड़ से घटकर 2.14 करोड़ रह गई।
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बीएसएनएल के ऑपरेशंस जारी रखना लगभग नामुमकिन
इस बात से भी अवगत करा दें कि बीएसएनएल ने सरकार से कहा है कि कंपनी के पास कामकाज जारी रखने के लिए पैसे नहीं है। बीएसएनएल के कॉर्पोरेट बजट एंड बैंकिंग डिवीजन के सीनियर जनरल मैनेजर पूरन चंद्र ने टेलिकॉम मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रटरी को लिखे एक पत्र में कहा, ‘हर महीने के रेवेन्यू और खर्चों में अंतर की वजह से अब कंपनी का संचालन जारी रखना चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि अब यह एक ऐसे लेवल पर पहुंच चुका है जहां बिना किसी पर्याप्त इक्विटी को शामिल किए बीएसएनएल के ऑपरेशंस जारी रखना लगभग नामुमकिन होगा।
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BSNL के पास लगभग 13,000 करोड़ रु आउटस्टैंडिंग लायबिलिटी है, जिसने कारोबार को चलाना मुश्किल बना दिया है। भारत की सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल ने सरकार को एक एसओएस भेजा है जिसमें कंपनी ने ऑपरेशंस जारी रखने में अक्षमता जताई है। कंपनी का कहना है कि नकद की कमी के चलते जून में 850 करोड़ रुपए की सैलरी दे पाना काफी मुश्किल है।
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