मल्टीप्लेक्स में अब अनिवार्य हुआ सिर्फ ई-टिकट, जानें क्या है वजह
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पहली बार अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक समाप्त हो गई।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पहली बार अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक समाप्त हो गई। इस बैठक में कारोबारियों के साथ-साथ आम जनता को बड़ी राहत दी गई है। बता दें कि अब कोई भी नया कारोबारी आधार के जरिए अपना जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कर सकेगा। इस बात की भी जानकारी दें कि इस बैठक में आठ बड़े फैसले लिए गए। जानकारी दें कि इसके अलावा 1 जनवरी 2020 से कारोबारियों को केवल एक पेज का रिटर्न फॉर्म भरना होगा। वहीं मल्टीप्लेक्स में ई-टिकट को अनिवार्य किया जाएगा। वहीं केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी पर लगाम लगाने को लेकर मल्टीप्लेक्सेज के लिए इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग प्रणाली को अपनाना अनिवार्य कर दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक टिकट को टैक्स इनवॉयस माना जाएगा
वहीं सरकारी अधिकारियों का कहना है कि रजिस्टर्ड मल्टीप्लेक्सेज को इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक टैक्स इनवॉयस जारी करना होगा और इसके लिए उनके द्वारा जारी इलेक्ट्रॉनिक टिकट को टैक्स इनवॉयस माना जाएगा। सरकार के इस कदम के साथ ही सिनेप्लेक्सेज द्वारा दिए जा रहे कलर्ड टिकट अब इतिहास बन सकते हैं। जानकारी दें कि टैक्स कल्सटैंट्स का कहना है कि पीवीआर की अगुवाई वाले अधिकतर मल्टीप्लेक्स पहले से ही दर्शकों को ई-टिकट जारी कर रहे हैं और मल्टीप्लेक्सेज के सबसे बड़े खिलाड़ी के इस कदम को अधिकतर लोग आने वाले महीनों में सिंगल स्क्रीन थियेटर में भी ई-टिकटिंग व्यवस्था लागू करने के एक संकेत के तौर पर देख रहे हैं।
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बी2सी ट्रांजैक्शन को एक लीकेज पॉइंट के तौर पर देखते: टैक्स एक्सपर्ट्स
जीएसटी परिषद के इस फैसले के साथ ही मल्टीप्लेक्सेज को बी2सी (बिजनस टु कंज्यूमर) बिजनसेज के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस एक टेस्ट केस के रूप में भी देखा जा रहा है, जो अब तक केवल बिजनस-टु-बिजनस ट्रांजैक्शन के लिए ही जरूरी था। डेलॉयट इंडिया पार्टनर एम. एस. मणि ने कहा, 'मल्टीप्लेक्सेज द्वारा प्रस्तावित ई-इनवॉयसिंग संभावित रूप से बी2सी ट्रांजैक्शन के लिए अनिवार्य ई-इनवॉयसिंग प्रणाली की शुरुआत है। वहीं वैल्यू चेन के पूरी तरह ई-ट्रेल के लिए आने वाले समय में इसका अन्य बी2सी ट्रांजैक्शन तक विस्तार किया जा सकता है। टैक्स एक्सपर्ट्स बी2सी ट्रांजैक्शन को एक लीकेज पॉइंट के तौर पर देखते हैं, क्योंकि इसमें अक्सर नकदी का भुगतान किया जाता है।और ट्रांजैक्शन पूरी तरह दर्ज नहीं होता, जिसके परिणामस्वरूप टैक्स की चोरी होती है और काला धन अस्तित्व में आता है।
इन बड़े फैसले पर एक नजर अवश्य डालें
- जीएसटी काउंसिल ने ई-इनवॉयस के प्रस्ताव को सिद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है।
- काउंसिल ने राज्य और क्षेत्र आधारित जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल को मंजूरी दे दी हैस जिसके तहत कुछ राज्यों में एक से ज्यादा ट्रिब्यूनल होंगे।
- नेशनल एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी को दो साल के एक्सटेंशन को मंजूरी दे दी गई।
- ई-व्हीकल पर टैक्स घटाने संबंधित मामले को काउंसिल ने फिटमेंट कमेटी के पास भेजा है जो जल्द ही इस पर फैसला लेगी।
- यदि कोई कारोबारी दो महीने तक रिटर्न फाइल नहीं करता है तो उसे ई-वे बिल जनरेट करने की सुविधा नहीं दी जाएगी।
- जीएसटी रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है।
- मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल में अब इलेक्ट्रोनिक टिकट जारी होगा।
- इलेक्ट्रिक चार्जर पर लगने वाली कर की दर को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया गया है।