जेट एयरवेज: एनसीएलटी ने एसबीआई की याचिका को दी मंजूरी
नकदी संकट के कारण बंद हो चुकी एयरलाइंस जेट एयरवेज के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक की याचिका स्वीकार कर ली।
नई दिल्ली: नकदी संकट के कारण बंद हो चुकी एयरलाइंस जेट एयरवेज के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक की याचिका स्वीकार कर ली। जी हां नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने विमानन कंपनी जेट एयरवेज (जेट एयरवेज) के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए याचिका को मंजूरी दे दी है। बता दें कि यह याचिका एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ ने दायर की थी। इतना ही नहीं बैंकों को ठप पड़ी एयरलाइन से 8,500 करोड़ रुपये की वसूली करनी है। ट्रिब्यूनल ने ग्रांट थॉर्नटन के आशीष छौछारिया को जेट एयरवेज के लिए समाधान प्रोफेशनल भी नियुक्त किया है। जानकारी दें कि 17 अप्रैल 2019 जेट एयरवेज का परिचालन से बंद है।
इस बात की भी जानकारी दें कि वीपी सिंह और रविकुमार दुरईसामी की मौजूदगी वाले ट्रिब्यूनल ने समाधान प्रोफेशनल को निर्देश दिया है कि वह तीन माह के अंदर समाधान प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश करे। हालांकि कानून में इसके लिए 6 माह की अवधि तय है। इसके पीछे हवाला दिया गया कि यह राष्ट्रीय महत्व का विषय है।
एसबीआई 967 करोड़ रुपये का दावा किया
एसबीआई ने अपनी याचिका में 967 करोड़ रुपये का दावा किया है। इतना ही नहीं ये भी कहा है कि उसने जेट एयरवेज को वर्किंग कैपिटल लोन के तौर पर 505 करोड़ रुपये और ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के तौर पर 462 करोड़ रुपये दिए थे। हालांकि गहन विचार विमर्श के बाद कर्ज देने वालों ने फैसला किया है कि इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत जेट एयरवेज के मामले का निपटान किया जाए। जानकारी दें कि एयरलाइन के लिए सिर्फ एक बोली ही प्राप्त हुई है। उसके साथ भी शर्त जुड़ी है।
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कर्मचारियों के वेतन का 3,000 करोड़ रुपये का बकाया
बता दें कि जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंक पिछले पांच महीने से एयरलाइन को चलती हालत में बेचने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन कई कारणों से वे अपने इस कोशिश में सफल नहीं हो पाए। बैंकों के अलावा एयरलाइन पर उसे गुड्स और सर्विसेज देने वालों का 10,000 करोड़ रुपये और कर्मचारियों के वेतन का 3,000 करोड़ रुपये का बकाया है। जेट एयरवेज के कर्मचारियों की संख्या 23,000 है। जबकि पिछले कुछ साल के दौरान जेट एयरवेज का कुल नुकसान 13,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। इस तरह एयरलाइन पर कुल 36,500 करोड़ रुपये का बकाया है।