जीएसटी काउंसिल ने एनुअल रिटर्न फाइलिंग का समय 2 माह बढ़ाया, जानिए अन्य अहम फैसले
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की पहली बैठक शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई।
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की पहली बैठक शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई। जानकारी दें कि जीएसटी काउंसिल ने एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी का टेन्योर 2 साल तक के बढ़ा दिया है। इसके सात ही जीएसटी के तहत होने वाले रेट कट का फायदा कंज्यूमर्स तक नहीं पहुंचाने वाली एंटिटीज पर 10 फीसदी तक पेनल्टी लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 35वीं मीटिंग में ये फैसले लिए गए। इस बात की भी दें कि यह पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली मीटिंग भी थी।
नई सिंगल जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की व्यवस्था 1 जनवरी, 2020 से लागू
इस बात से भी अवगत करा दें कि मीटिंग के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए राजस्व सचिव ए बी पांडे ने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसी) रेजीम में सालाना रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट भी 2 महीने बढ़ाकर 30 अगस्त कर दी गई। उन्होंने कहा कि नई सिंगल जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की व्यवस्था 1 जनवरी, 2020 से लागू कर दी जाएगी। इसके तहत ज्यादा टर्नओवर वाले टैक्सपेयर्स को एक बार ही रिटर्न फाइल करने की सुविधा मिलेगा।
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कारोबारी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के लिए आधार का इस्तेमाल कर
इस दौरान इस बात की भी चर्चा की गयी हैं कि जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के लिए आधार के इस्तेमाल को भी मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि कारोबारी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन के लिए आधार का इस्तेमाल कर सकेंगे। काउंसिल ने मल्टीप्लेक्सेस के लिए इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयसिंग सिस्टम और ई-टिकटिंग को भी मंजूरी दे दी। वहीं पांडे ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर जीएसटी रेट को मौजूदा 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने और इलेक्ट्रिक चार्ज पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी करने के प्रस्ताव को फिटमेंट कमेटी के पास भेज दिया गया। यह कमेटी इन पर जीएसटी रेट तय करेगी।
दो साल के लिए एनएए का कार्यकाल बढ़ा
इस बात से भी अवगत करा दें कि इसके अलावा नेशनल एंटी-प्रॉफिटीयरिंग अथॉरिटी (एनएए) के कार्यकाल को 30 नवंबर, 2021 तक दो साल के लिए बढ़ा दिया गया। वहीं 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू किए जाने के बाद सरकार ने कंज्यूमर्स की कंपनियों के खिलाफ जीएसटी रेट में कमी का फायदा नहीं पहुंचाने जैसी शिकायतों की देखरेख के लिए एनएए की स्थापना का ऐलान किया। एनएए की स्थापना 30 नवंबर, 2017 को दो साल के लिए की गई थी। अभी तक एनएए विभिन्न मामलों और शिकायतों पर 67 आदेश जारी कर चुका है।