ईडी ने आईएल एंड एफएस दो पूर्व अधिकारियों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किया गिरफ्तार
ईडी ने बुधवार को आईएल एंड एफएस स्कैम में दो पूर्व अधिकारीयों को गिरफ्तारी कर लिया है।
नई दिल्ली: ईडी ने बुधवार को आईएल एंड एफएस स्कैम में दो पूर्व अधिकारीयों को गिरफ्तारी कर लिया है। जानकारी दें कि जांच एजेंसी ने इस मामले में आईएल एंड एफएस के पूर्व संयुक्त प्रबंध निदेशक अरुण कुमार साधा को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा ईडी ने कंपनी से जुड़े के रामचंद्रन को भी गिरफ्तार किया है। के रामचंद्रन इस कंपनी के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर थे। इन दोनों अधिकारियों ने तब इस्तीफा दे दिया था जब सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) ने इस घोटाले की जांच शुरू की थी।
मुंबई में पीएमएलए कोर्ट के सामने आज पेश किया जायेगा
बता दें कि ईडी ने एक बयान जारी कर बताया हैं कि इन दोनों अधिकारियों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में ईडी द्वारा ये पहली गिफ्तारी है। हालांकि आज गुरुवार को इन दोनों को मुंबई में पीएमएलए कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। जांच एजेंसी ईडी ने इस मामले में फरवरी में केस दर्ज की थी और कई अधिकारियों के घर दो बार छापेमारी की थी।
कंपनी पर 91 हजार करोड़ का बकाया
इस बात की भी जानकारी दें कि पिछले साल सितंबर में आईएल एंड एफएस के पास कर्ज संकट पैदा हो गया था, जब कंपनी अपने बकायों का भुगतान नहीं कर सकी थी। वहीं कंपनी ने सिडबी को बकाये की रकम नहीं चुकाई। बता दें कि इस कंपनी पर 91 हजार करोड़ का बकाया है। वहीं ये भी जानकारी दें कि आईएल एंड एफएस सरकारी क्षेत्र की कंपनी है। ये कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर, फ़ाइनेंस, ट्रांसपोर्ट और दूसरे कई क्षेत्रों में काम करती है।
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इस कंपनी का पूरा नाम इंफ्रास्ट्रक्चर एंड लीजिंग फाइनेंशियल सर्विसेज है। वहीं ईडी को उम्मीद है कि इन दोनों से पूछताछ के बाद कई मामले उजागर होंगे। आईएल एंड एफएस संकट की वजह से नॉन बैंकिंग फाइनेंस सेक्टर को लेकर चिंताएं बढ़ गई थीं और शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी। वहीं सरकार ने 1 अक्टूबर 2018 को आईएल एंड एफएस के बोर्ड को भंग कर उदय कोटक की अध्यक्षता में नया बोर्ड बनाया था।