1 जुलाई से महिंद्रा के वाहनों की कीमत में होगा इजाफा
महिंद्रा ने अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ाने का ऐलान किया है। जी हां गाड़ियों की कीमत 1 जूलाई 2019 से कंपनी बढ़ा देगी।
नई दिल्ली: महिंद्रा ने अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ाने का ऐलान किया है। जी हां गाड़ियों की कीमत 1 जूलाई 2019 से कंपनी बढ़ा देगी। ऑटो निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बुधवार को अपने पैसेंजर व्हीकल की कीमत 36000 रुपए तक बढ़ाने जा रही है। बता दें कि कंपनी के मुताबिक उनके वाहनों की कीमतों में इजाफा सरकार की तरफ से 1 जुलाई से लगाए जा रहे सेफ्टी नार्म्स AIS-145 की वजह से किया गया है।
नए सेफ्टी नॉर्म्स 1 जुलाई से होंगे लागू
जानकारी दें कि इस सेफ्टी नॉर्म्स के तहत देशभर में 1 जुलाई से एबीएस के साथ ईबीडी, ड्राइवर एयरबैग, रिवर्स पार्किंग अलर्ट सिस्टम, ओवर स्पीड अलर्ट, स्पीड अलर्ट सिस्टम और ड्राइवर के लिए सीट बेल्ट रिमाइंडर लगाना अनिवार्य बना दिया गया है। वहीं कंपनी के मुताबिक कीमतों में बढ़ोत्तरी की सबसे ज्यादा मार स्कॉर्पियो, बुलेरो, टीयूपी300 और केयूपी100 एनएक्सटी पर पड़ेगा, जबकि एक्सयूवी 500 औक माराजो की कीमतें में मामूली इजाफा होगा।
किस वजह से वाहन के कीमतों में बढ़ोतरी?
जानकारी दें कि कंपनी के प्रेसीडेंट (ऑटोमोटिव सेक्टर) राजन वधेरा ने कहा कि 1 जुलाई से नए सेफ्टी नॉर्म्स लागू किए जाने के निर्णय का कंपनी स्वागत करती है, क्योंकि सेफ्टी कंपनी का प्रमुख हिस्सा रहा है। हालांकि कंपनी ने नए नियम की वजह से वाहनों के अपग्रेडेशन में आने वाली लागत की वजह से वाहनों की कीमत बढ़ाए जाने को सही ठहराया है।
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अप्रैल में भी बढ़ी थी कीमतें
हालांकि याद दिला दें कि महिन्द्रा ने मार्च में पर्सनल व कमर्शियल व्हीकल्स की कीमतें 0.5-2.7 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके चलते महिन्द्रा व्हीकल्स के दाम 5000-73000 रुपये बढ़ गए थे। नई कीमतें 1 अप्रैल 2019 से लागू हुई थीं।
सरकार सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 2020 तक 50 फीसदी घटाना चाहती
भारत सरकार जल्द ही भारत एनसीएपी (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) क्रैश टेस्ट लागू करने जा रही है। यह ग्लोबल एनसीएपी के समान होगा। बता दें कि भारत एनसीएपी के तहत क्रैश टेस्ट से गुजरने वाली गाड़ियों में उल्लिखित सेफ्टी फीचर्स होने चाहिए और 5 स्टार रेटिंग हासिल होनी चाहिए। भारत एनसीएपी के तहत यह भी नियम होगा कि व्हीकल का फ्रंट इस तरह से डिजाइन किया जाए कि दुर्घटना की स्थिति में राह चलते लोगों को कम चोट पहुंचे। इसके अलावा फ्यूल इफीशिएंसी के लिए भी रेटिंग सिस्टम होगा। सरकार भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 2020 तक 50 फीसदी घटाना चाहती है।