मोदी सरकार ने 15 वरिष्ठ अधिकारियों को किया जबरन रिटायर
भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी के आरोप में 15 कस्टम अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दिया गया।
नई दिल्ली: भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी के आरोप में 15 कस्टम अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दिया गया। जी हां नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को 15 वरिष्ठ अफसरों को जबरदस्ती रिटायरमेंट दे दिया है। बता दें कि ये सभी अफसर टैक्स विभाग के हैं। इनमें मुख्य आयुक्त, आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी शामिल हैं। आपको बता दें कि बताया जा रहा है कि इन अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार, घूसखोरी के आरोप हैं। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स के नियम 56 के तहत वित्त मंत्रालय ने इन अफसरों को समय से पहले ही रिटायरमेंट दे रही है। इन सभी अधिकारियों को आज से कार्यमुक्त हो गए हैं।
इनमें से कई अधिकारी पहले से ही सस्पेंड चल रहे
जानकारी के मुताबिक जिन अधिकारियों को कार्यमुक्त किया गया है उनमें प्रधान कमिश्नर, कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारी शामिल हैं। इतना ही नहीं इनमें से कई अधिकारी पहले से ही सस्पेंड चल रहे थे। इनके घूसखोरी का तरीका भी अलग-अलग था। कोई एजेंट के माध्यम से वसूली करता था तो कोई बिल्डर के माध्यम से। बता दें कि इन अधिकारियों को नियम-56जे के तहत कार्यमुक्त किया गया है। नियम 56 सार्वजनिक हित को देखते हुए प्रयोग में लाया जाता है जिसके माध्यम से नौकरशाहों की कार्यकाल को खत्म किया जाता है। यह ज्यादातर भ्रष्टाचार के मामले में प्रयोग में आता है। इसमें 25 साल का कार्यकाल और 50 की उम्र को पार करने वालों का कार्यकाल खत्म कर उन्हें रिटायर कर दिया जाता है।
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इन अधिकारियों को जबरन रिटायर कराया गया
1- अनूप श्रीवास्तव, प्रमुख आयुक्त (दिल्ली)
2- अतुल दीक्षित, आयुक्त, सस्पेंडेड
3- संसार चंद, आयुक्त, कोलकाता
4- जी. श्री हर्षा, आयुक्त, चेन्नई
5- विनय ब्रिज सिंह, आयुक्त, सस्पेंडेड
6- अशोक आर. महिदा, अतिरिक्त आयुक्त, कोलकाता
7- वीरेंद्र कुमार अग्रवाल, अतिरिक्त आयुक्त, नागपुर जोन
8- अमरेश जैन उपायुक्त, दिल्ली जीएसटी जोन
9- नलिन कुमार, सह आयुक्त, सस्पेंडेड
10- एस.एस. पबना, सहायक आयुक्त, सस्पेंडेड
11- एस.एस. बिष्ट, सहायक आयुक्त, भुवनेश्वर, जीएसटी जोन
12- विनोद कुमार सांगा, सहायक आयुक्त, मुंबई, जीएसटी, जोन
13- राज सेकर, अतिरिक्त आयुक्त, विजाग, जीएसटी जोन
14- अशोक कुमार, उपायुक्त, दिल्ली
15- मो. अलताफ, सहायक आयुक्त, इलाहाबाद
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इससे पहले 12 इनकम टैक्स अधिकारियों को किया जा चुका है कार्यमुक्त
जानकारी दें कि वहीं इससे पहले मोदी सरकार नियम 56जे के तहत कमिश्नर और जॉइंट कमिश्नर रैंक के 12 अधिकारियों को जबरन कार्यमुक्त किया जा चुका है। सरकार ने इन अधिकारियों 10 जून को कार्यमुक्त किया था। इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और पेशेवर कदाचार जैसे गंभीर आरोप थे। इतना ही नहीं नोएडा में तैनात आईआरएस अधिकारी पर आयुक्त स्तर की दो महिला अधिकारियों के यौन उत्पीड़न का आरोप भी था।