साईं बाबा के चढ़ावे के पैसे रखने की बैंकों में नहीं बची जगह, जानें हिसाब-किताब
नई दिल्ली। शिरडी में स्थित साईं बाबा के मंदिर में इतना चढ़ावा आ रहा है कि बैंकों के पास उसे रखने की जगह नहीं बची है। इसके चलते बैंकों ने मंदिर से पैसा लेने से मना कर दिया है। वहीं बैंकों के पैसा न लेने के चलते मंदिर के दानपत्र को खोलकर दान के पैसों की गिनती का काम बंद कर दिया गया है। यह जानकारी श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के सीईओ दीपक मुगलीकर ने दी है। उनके अनुसार दानपात्र में सिक्कों की अधिकता होती है, जिसे अब बैंक नहीं ले रहे हैं। मुगलीकर ने बताया कि इस स्थिति से भारतीय रिजर्व बैंक को अवगत कराया गया है।
हर हफ्ते दो बार खुलता है दानपत्र
श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट के सीईओ दीपक मुगलीकर के अनुसार मंदिर का दान पात्र हफ्ते में दो बार खोला जाता है और भक्तों के चढ़ावे को गिनकर बैंक में जमा कराया जाता है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर हर बार की गिनती में औसतन 2 करोड़ रुपये तक भक्तों का चढ़ावा मिलता है। इसमें से 5 लाख रुपये तक के सिक्के होते हैं। इन सिक्कों और कैश को रोटेशन के आधार पर 8 राष्ट्रीय बैंकों में बारी बारी से जमा किया जाता है।
बैंकों ने सिक्के लेने से मना किया
मुगलीकर के अनुसार बीते कुछ महीनों से बैंक उन्हें जगह की कमी के बारे में बता रहे थे। बैंकों का कहना है कि उनके पास सिक्के रखने के लिए जगह नहीं बची है। वहीं सूत्रों का कहना है कि इस समय बैंकों में डिपॉजिट के रूप में श्री साईबाबा संस्थान ट्रस्ट के करीब 1.5 करोड़ रुपये के सिक्के जमा किए हुए हैं।
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