पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जायेगा भारत
वर्ष 2024 तक देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य।
नई दिल्ली: वर्ष 2024 तक देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य। जी हां 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के लक्ष्य को पूरा करने में नीति आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वर्ष 2024 तक देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य चुनौतिपूर्ण, लेकिन हासिल करने योग्य है। वहीं उन्होंने 2022 तक नए भारत का निर्माण करना है।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केन्द्र में आयोजित नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आय और रोजगार बढ़ाने के लिए निर्यात क्षेत्र बहुत मत्वपूर्ण है और राज्यों को निर्यात संवर्धन पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में हाल ही संपन्न आम चुनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब सभी को देश के विकास के लिए काम करने का समय है। उन्होंने गरीबी, बेरोजगारी , सूखा, बाढ़, प्रदूषण, भ्रष्टाचार और हिंसा आदि से सबको मिलकर लडऩे की अपील करते हुए कहा कि टीम इंडिया के इस मंच पर हर किसी का एक ही लक्ष्य वर्ष 2022 तक नए भारत का निर्माण करना है।
सशक्तीकरण और जीवनयापन में सुगमता प्रत्येक भारतीय को उपलब्ध कराना
इसके साथ ही स्वच्छ भारत अभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना को मिली सफलता का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि केन्द्र और राज्य के साथ मिलकर काम करने से यह सफल हो सका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सशक्तीकरण और जीवनयापन में सुगमता प्रत्येक भारतीय को उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के लिए निर्धारित लक्ष्यों को दो अक्टूबर तक पूरा किया जाना चाहिए और देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के लिए निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम शुरू किया जाना चाहिए।
जीडीपी बढ़ाने की पहल जिला स्तर से शुरू की जानी चाहिए: पीएम मोदी
वहीं इस बात का भी जिक्र किया कि लघुकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को हासिल करने पर सामूहिक रूप से ध्यान केन्द्रित किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि देश को वर्ष 2024 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है जो चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसको हासिल किया जा सकता है। उन्होंने राज्यों को अपनी प्रमुख क्षमता को पहचानने की सलाह देते हुए कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ाने की पहल जिला स्तर से शुरू की जानी चाहिए।