दो कर्जदाता जेट एयरवेज को एनसीएलटी लेकर पहुंचे
जेट एयरवेज के फिर से उड़ान सेवा शुरू करने की संभावनाओं को करारा झटका लगा है।
नई दिल्ली: जेट एयरवेज के फिर से उड़ान सेवा शुरू करने की संभावनाओं को करारा झटका लगा है। जी हां जेट एयरवेज की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। परिचालन बंद कर चुकी जेट एयरवेज के दो परिचालन कर्जदाता ने कंपनी के खिलाफ दिलावा प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह करते हुए सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया। इससे कंपनी की बिक्री योजना अथवा कर्जदाताओं की पुनरुद्धार योजना को तगड़ा झटका लग सकता है।
8,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया
इतना ही नहीं एनसीएलटी ने जेट एयरवेज और बैंकों को नोटिस जारी किए हैं। और तो 13 जून को सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध किया है। सुनवाई के दौरान कंपनी से जुड़ी दिवाला याचिका को स्वीकार या खारिज किया जाए इस पर फैसला होगा। फिलहाल जेट एयरवेज का स्वामित्व बैंकों के पास है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है कि जब बैंक दिवाला प्रक्रिया के बाहर कर्ज संकट से जूझ रही कंपनी के समाधान के विकल्प तलाश रहे हैं। जेट एयरवेज पर भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों की समिति (सीओसी) का 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।
कर्ज में डूबी जेट एयरवेज बीते कई महीनों से मुश्किलों के भंवर में है। जेट एयरवेज के लगभग सभी बड़े अधिकारी इस्तीफा दे चुके हैं। जानकारी दें कि जेट एयरवेज के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिल पा रही है। हालात यह हैं कि कंपनी नतीजे घोषित करने की स्थिति में भी नहीं है। वहीं जेट एयरवेज के स्लॉट दूसरी एयरलाइन कंपनियों को दे दिया गया है। कंपनी के आर्थिक संकट का फायदा इंडिगो और स्पाइसजेट को मिल रहा है।
लंबे समय से आर्थिक संकट से गुजर रही कंपनी
आप इस बात से बखूबी अवगत होंगे कि जेट एयरवेज लंबे समय से कैश क्राइसिस से गुजर रही निजी क्षेत्र की विमान कंपनी जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपनी विमान सेवाएं अस्थाई तौर पर बंद कर दी थी। बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की तुरंत सहायता उपलब्ध कराने से इनकार कर दिए जाने के बाद एयरलाइन ने यह घोषणा की थी। इसके पहले भी बोर्ड बैठक में जेट एयरवेज के मैनेजमेंट ने कहा था कि अगर तुरंत कंपनी को फंड नहीं मिला तो अस्थाई तौर पर काम काज बंद करना पड़ेगा।
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ढाई दशक तक लाखों यात्रियों को विमान सेवायें उपलब्ध
बता दें कि करीब ढाई दशक तक लोगों को विमान सेवायें देने वाली एयरलाइन जेट एयरवेज ने कहा कि 17 अप्रैल मध्यरात्रि को अमृतसर से नई दिल्ली के लिये उसकी आखिरी उड़ान थी। नरेश गोयल द्वारा शुरू की गई जेट एयरवेज ने ढाई दशक तक लाखों यात्रियों को विमान सेवायें उपलब्ध कराई। लेकिन 2010 के संकट के बाद एयरलाइन का कर्ज संकट गहराने लगा। इस दौरान कंपनी को लगातार चार तिमाहियों में घाटा उठाना पड़ा। इसके बाद वह कर्ज के भुगतान में असफल होने लगी। पिछले साल दिसंबर में 123 विमानों के साथ परिचालन करने वाली कंपनी ने मंगलवार को केवल पांच विमानों के साथ परिचालन किया।