PM Modi : घटती GDP सहित ये हैं 4 चुनौतियां, कैसे निपटेंगे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जब अपनी दूसरी पारी की शुरुआत करेंगे तो उनके सामने 4 प्रमुख आर्थिक मसले (4 major financial issues) होंगे, जबकि देश में आर्थिक सुस्ती, उपभोग और निवेश में कमी की स्थिति बनी हुई है। वहीं वित्त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही से जीडीपी (GDP) विकास दर लगातार घटती जा रही है।
ये हैं 4 चुनौतियां
नई सरकार के सामने सकल केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Central statistical office) से जारी होने वाले सकल घरेलू उत्पाद (GDP), महालेखा नियंत्रक (comptroller general) द्वारा जारी राजकोषीय घाटे (Fiscal deficit) के आंकड़े, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिशेष को लेकर जालान समिति की रिपोर्ट और गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) के संबंध में आरबीआई (RBI) का सर्कुलर, ये चार प्रमुख मसले होंगे।
इसी हफ्ते आएंगे GDP के आंकड़ें
गंभीर सुस्ती के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 6.3 फीसदी रहने की उम्मीद की जा रही है, जोकि पिछली छह तिमाहियों में सबसे कम होगी। सीएसओ (CSO) की ओर से बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही समेत पूरे वित्त वर्ष के जीडीपी (GDP) के आंकड़े इसी सप्ताह आने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार अर्थव्यवस्था में सुस्ती वित्त वर्ष 2020 में भी बनी रह सकती है और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसका अनुभव तत्काल होगा।
लगातार घट रही है जीडीपी (GDP)
वित्त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही से जीडीपी (GDP) विकास दर लगातार घटती जा रही है। वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में जीडीपी (GDP) विकास दर 8 फीसदी थी जो दूसरी तिमाही में घटकर 7 फीसदी और तीसरी में 6.6 फीसदी पर आ गई।
राजकोषीय घाटे पर कैसे लगेगा अंकुश
वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार ने राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) 3.4 फीसदी रखने का लक्ष्य रखा था जिसे बाद में संशोधित कर 3.3 फीसदी कर दिया गया। फरवरी के अंत में राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) बढ़कर 8,51,499 करोड़ रुपये हो गया जोकि बजटीय अनुमान को पार करने के साथ-साथ जीडीपी (GDP) का 4.52 फीसदी हो गया। सीजीए (CAG) द्वारा वित्त वर्ष 2019 के राजकोषीय घाटे के आंकड़े अभी आने हैं।
आरबीआई का संशोधित सर्कुलर
साथ ही, सरकार बनने के बाद आरबीआई (RBI) का संशोधित सर्कुलर आने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई (RBI) दबाव वाली संपत्तियों के समाधान की दिशा में समायोजी दृष्टिकोण अपनाएगा।
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