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सरकार: 2030 तक सभी नए वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य

सरकार ने 2017 में 2030 तक सभी नए वाहनों के इलेक्ट्रिक होने का लक्ष्य बना रहा।

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नई द‍िल्‍ली: सरकार ने 2017 में 2030 तक सभी नए वाहनों के इलेक्ट्रिक होने का लक्ष्य बना रहा। भारत के मंत्रिमंडल ने प्रदूषण (Pollution) को रोकने और जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) पर निर्भरता को कम करने के प्रयासों के तहत इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों (Electric and Hybrid Vehicles) की बिक्री को सब्सिडी (Subsidy) देने के लिए डॉलर 1.4 बिलियन खर्च करने की योजना को मंजूरी दी है। रॉयटर्स के मुताब‍िक सूचना दी गयी हैं कि सरकार इस योजना को मंजूरी दे सकती है, जिसे फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) के रूप में जाना जाता है।

सबसे तेजी से बढ़ते कार बाजारों में से एक है भारत

सबसे तेजी से बढ़ते कार बाजारों में से एक है भारत

जानकारी दें कि एक सरकारी (Government) बयान में कहा गया है कि इस योजना के तहत, वाहन की बैटरी क्षमता (Battery capacity of the vehicle), बसों और कारों से लेकर तिपहिया वाहनों और मोटरबाइकों पर सब्सिडी (Subsidy on motorbikes) दी जाएगी। यह प्रोत्साहन केवल 1. 5 मिलियन भारतीय रुपये (21,177 डॉलर) से कम लागत वाले वाहनों पर लागू होगा।
प्रोत्साहन का लाभ केवल उन्हीं वाहनों (Vehicles) तक बढ़ाया जाएगा जो लिथियम आयन (Lithium ion) या अन्य नई तकनीकों का उपयोग कर उन्नत बैटरी से लैस हैं। जानकारी दें कि भारत, दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते कार बाजारों (Car markets) में से एक, अभी भी इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric vehicles) (ईवीएस) की नगण्य बिक्री है।

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तीन साल में भारत 100 अरब रुपये (1.4 अरब डॉलर) खर्च

तीन साल में भारत 100 अरब रुपये (1.4 अरब डॉलर) खर्च

बता दें कि सरकार ने 2017 में 2030 तक सभी नए वाहनों (New vehicles) को इलेक्ट्रिक (Electric) बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन आलोचकों ने कहा कि बैटरी की उच्च लागत और चार्जिंग पॉइंट (Charging point) की कमी बड़ी बाधा थी। वहीं कारमेकर्स (Carmakers) ने भी कहा कि लक्ष्य बहुत महत्वाकांक्षी था। परिवहन मंत्रालय (Ministry of Transportation) ने बाद में ईवीएस (Evs) को पांच साल में 15 प्रतिशत वाहन बिक्री का लक्ष्य दिया। सरकार ने कहा कि प्रोत्साहन पर तीन साल में भारत 100 अरब रुपये (1.4 अरब डॉलर) खर्च करेगा। सूत्रों की माने तो एक वाहन में बैटरी (Battery) की क्षमता के प्रत्येक किलोवाट घंटे (kWh) के लिए सब्सिडी (Subsidy) 10,000 रुपये होगी, बैटरी की लागत का लगभग 50 प्रतिशत।

2020 के आसपास भारत में ईवी लॉन्च करने की योजना

2020 के आसपास भारत में ईवी लॉन्च करने की योजना

भारत में एक इलेक्ट्रिक कार (Electric Car) की औसत कीमत अब लगभग 1 मिलियन रुपये है। कारों में आमतौर पर 20 kWh तक की बैटरी (Battery) होती है, इसलिए नई योजना के तहत छूट 200,000 रुपये होगी। ऑटोमेकर (Auto maker) महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra and Mahindra) और टाटा मोटर्स (Tata moters) दोनों ही भारत में इलेक्ट्रिक कारों (Electric cars) का उत्पादन करती हैं। मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki)और टोयोटा मोटर कंपनी (Toyota Motor Company) हाइब्रिड कारों का निर्माण करती हैं। वहीं जापान के सुजुकी मोटर कॉर्प (Suzuki Motor Corp) द्वारा नियंत्रित मारुति ने पिछले साल कहा था कि वह 50 इलेक्ट्रिक वाहन (Electric vehicles) प्रोटोटाइप का परीक्षण शुरू करेगी। यह टोयोटा (Toyota) के सहयोग से 2020 के आसपास भारत में ईवी (EVs ) लॉन्च करने की योजना बना रहा है।

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English summary

The Govt Had Set A Target For All New Vehicles To Be Electric By 2030

The government had set a target in 2017 for all new vehicles to be electric by 2030, but critics said the high cost of batteries and a lack of charging points were major obstacles।
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