Anil Ambani की कंपनी RCom पर दावेदार 90 हजार करोड़ मांग सकते हैं
रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी ने दिवालिया होने की अर्जी दी है।
नई दिल्ली: रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी ने दिवालिया होने की अर्जी दी है। बता दें कि इस कंपनी पर 46 हजार करोड़ रुपए का कर्ज (loan) है। हालांकि जानकारी के मुताबिक कंपनी के कर्जदार (Borrower of the company) उससे 90 हजार करोड़ रुपए लेने का दावा कर सकते हैं। इस हिसाब से दिवालिया (Bankrupt) होने वाली कंपनी (company) से सबसे अधिक मांग का रिकॉर्ड बन जाएगा। बता दें कि आरकॉम (Rcom) के कर्जदारों में भारतीय बैंक (Indian bank), ग्लोबल बैंक (Global Bank), मोबाइल फोन कंपनी (Mobile phone company) और टेलीकॉम टॉवर कंपनियां (Telecom tower companies) हैं। इन सभी ने कंपनी के लिए नियुक्त अंतरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल RBSA एडवाइजर (Advisors) को अपने दावे देना शुरू कर दिया है।
कर्जदारों के पास दावे करने की आखरी समय 21 मई तक
इस बात से भी अवगत करा दें कि कर्जदारों (Borrowers) के पास दावे करने के लिए 21 मई तक का समय हैं। मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि डेडलाइन 21 मई है तब तक कंपनी (Company) से वसूलने के लिए 75 हजार से 90 हजार करोड़ रुपए के दावे आ सकते हैं। वहीं कुल रकम इससे भी ज्यादा हो सकती है। कंपनी के शेयर (Company shares) में आज 4.17 फीसदी की गिरावट आई और भाव 2.30 रुपए प्रति शेयर पर पहुंच गया। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि राष्ट्रीय बैंकों (National banks) के अलावा, चीन के कर्जदार (Chinese debtors)और बॉन्ड होल्डर्स (Bond holders) भी ब्याज (Interest) समेत अपनी रकम मांगेंगे।
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रिलायंस इंफ्राटेल और रिलायंस टेलीकॉम का कर्ज भी Rcom के साथ
आरकॉम (Rcom) के साथ ही इसकी 2 यूनिट रिलायंस इंफ्राटेल (Reliance Infratel)और रिलायंस टेलीकॉम (Reliance Telecom) का कर्ज भी जुड़ेगा। इसलिए ये रकम 46 हजार करोड़ से ज्यादा होगी। वहीं एम एंड ए लॉ फर्म के मनोज कुमार के मुताबिक ये अब तक की सबसे ज्यादा दावे वाली रकम होगी। हालंकि दावे की रकम (Amount) के मुकाबले अंतिम रकम कुछ और हो सकती है। बता दें कि दिवालिया कानून के तहत अब तक सबसे बड़ा केस एस्सार स्टील (Essar Steel) का था। इसमें कर्जदारों (Borrowers) ने 82,541 करोड़ रुपए की मांग की थी। वहीं इतने दावों के सामने 54565 करोड़ का दावा मंजूर हुआ था। आरकॉम (Rcom) ने साल 2017 में अपना वायरलेस कारोबार बंद कर दिया था।