Godrej Properties ने खरीदी कपूर खानदान की धरोहर RK Studios
हिंदी फिल्म की महत्वपूर्ण धरोहर आरके फिल्म स्टूडियो (Heritage RK Film Studios) को गोदरेज समूह (Godrej group) की कंपनी गोदरेज प्रापर्टीज (Godrej Properties) ने खरीद लिया है।
नई दिल्ली: हिंदी फिल्म की महत्वपूर्ण धरोहर आरके फिल्म स्टूडियो (Heritage RK Film Studios) को गोदरेज समूह (Godrej group) की कंपनी गोदरेज प्रापर्टीज (Godrej Properties) ने खरीद लिया है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि बॉलीवुड में शुरू से ही कपूर खानदान (Kapoor Family) का अपना प्रभुत्व रहा है और अब भी यह जारी है। शोमैन कहे जाने वाले राजकपूर (Raj Kapoor) ने आरके फिल्म्स एंड स्टूडियो (RK Films & Studio) की स्थापना की थी और इस बैनर के तले उन्होंने कई यादगार फिल्मों का निर्माण किया था।
हालांकि बता दें कि 2 साल पहले चेंबूर स्थित आरके स्टूडियो (RK Studio) में आग लग गई और उसके बाद ही कपूर खानदान ने इस ऐतिहासिक धरोहर (historic monuments) को बेचने का फैसला कर लिया था। शुक्रवार को रियलिटी कंपनी गोदरेज प्रापर्टीज (Godrej Properties) ने RK Studios को खरीदने की घोषणा की ह। बता दें कि यह सौदा कितने में हुआ है, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।
2.20 एकड़ में फैले इस स्टूडियो की जमीन पर फ्लैट का निर्माण
इस बात की जानकारी दें कि कंपनी ने बताया कि अब स्टूडियो (Studio) का इस्तेमाल लग्जरी फ्लैट (Luxury flat) बनाने और रिटेल स्पेस (Retail space) के लिए किया जाएगा। कंपनी द्वारा जारी बयान के मुताबिक 2.20 एकड़ में फैले इस स्टूडियो (Studio) की 33 हजार वर्गफीट जमीन पर फ्लैट का निर्माण किया जाएगा। कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन पिरोजशा गोदरेज (Godrej) ने कहा कि इस ऐतिहासिक धरोहर को कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो (Portfolio) में शामिल किया है। वहीं रणधीर कपूर (Randhir Kapoor) का कहना है कि कपूर खानदान के लिए आरके स्टूडियो महत्त्वपूर्ण धरोहर (RK Studio Important Heritage) रही है और अब इस प्रॉपर्टी (Property) पर नई कहानी गढ़ने के लिए गोदरेज को चुना गया है।
RBI ने वोडाफोन M-paisa और PhonePay समेत 5 कंपनियों पर लगाया जुर्माना ये भी पढ़ें
RK Studios की स्थापना 1948 में
जानकारी दें कि राजकपूर (Raj Kapoor) ने 1948 में इस स्टूडियो को स्थापित किया था। इस स्टूडियो (Studio) ने बॉलीवुड को 'बरसात' (1949), 'अवारा' (1951), 'बूट पॉलिश' (1954), 'श्री 420' (1955) और 'जागते रहो' (1956) जैसी बेहतरीन फिल्में दी हैं। वहीं राजकपूर (Raj Kapoor) ने इस स्टूडियो में आखिरी फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' बनी थी जो 1985 में रिलीज हुई थी।