सरकारों ने अचानक बढ़ाई Gold की खरीद, जानें क्या है डर
नई दिल्ली। दुनियाभर की सरकारें पिछले कुछ समय से गोल्ड (gold) की जमकर खरीदारी कर रही हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में रूस (Russia) और चीन (China) सहित कई देशों की सरकारों ने गोल्ड की खरीद (gold purchase) बढ़ा दी है। इन देशों के रिजर्व बैंकों (central banks) ने पिछले 6 साल की सबसे ज्यादा गोल्ड (gold) की खरीद की है। यह जानकारी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) यानी डब्ल्यूजीसी (WGC) ने दी है।
ये है गोल्ड की खरीद बढ़ाने (gold purchase) का कारण
दुनिया की सरकारों की तरफ से गोल्ड की खरीद (gold purchase) बढ़ने का सबसे बड़ा कारण डॉलर (dollar) के बदले गोल्ड पर भरोसा बढ़ना बताया जा रहा है। अमेरिका और चीन का ट्रेड वॉर (America and China Trade War), ब्रेक्जिट (Brexit) और ईरान पर प्रतिबंध (US Ban on Iran) के चलते कई देश अपना रिजर्व डॉलर की जगह गोल्ड में शिफ्ट कर रहे हैं।
गोल्ड रिजर्व (gold reserves) में बढ़ोत्तरी दर्ज
डब्ल्यूजीसी (WGC) के अनुसार ग्लोबल गोल्ड रिजर्व (Global gold reserves) में करीब 145.5 टन की बढ़ोत्तरी पहली तिमाही में एक साल पहली की तिमाही की तुलना दर्ज की गई है। डब्ल्यूजीसी (WGC) ने यह जानकारी अपनी एक रिपोर्ट में दी है, जो गुरुवार को जारी की गई है। डब्ल्यूजीसी (WGC) की इस रिपोर्ट के अनुसार रूस ने अपना गोल्ड रिजर्व (gold reserves) सबसे ज्यादा बढ़ाया है।
ये है आगे का अनुमान
डब्ल्यूजीसी (WGC) के मार्केट इंटेलिजेंस के प्रमुख एलिस्टेयर हेविट के अनुसार कई देशों के सेंट्रल बैंकों की तरफ से गोल्ड की भारी डिमांड (gold demand) है। इनका मानना है कि चालू वित्तीय वर्ष में कई देशों की तरफ से गोल्ड की मांग (gold demand) बनी रहेगी। डब्ल्यूजीसी (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार कजाकिस्तान और तुर्की लगातार गोल्ड खरीदते रहते हैं, लेकिन इस बार इक्वाडोर में वर्ष 2014 के बाद से पहली गोल्ड रिजर्व (gold reserves) में बढ़त दर्ज की गई है। इसके अलावा कतर और कोलंबिया सहित कई अन्य देशों ने भी गोल्ड रिजर्व (gold reserves) बढ़ाया है। इन सभी देशों का यह कदम डॉलर (dollar) पर निर्भरता को कम करना है। इसके अलावा इन देशों के गोल्ड यूरोपीय देशों की तुलना में वैसे भी कम थे।
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