RBI ने बेची NABARD और NHB की पूरी हिस्सेदारी, जानें क्यों
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया है कि उसने नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) और नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी है। आरबीआई (rbi) को नाबार्ड (NABARD) की हिस्सेदारी बेचने से जहां 1,450 करोड़ रुपये मिलेंगे हैं वहीं नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) की हिस्सेदारी बेचने से उसे 20 करोड़ रुपये मिलेंगे हैं। आरबीआई (rbi) के अनुसार नाबार्ड (NABARD) में हिस्सेदारी का विनिवेश दो चरणों (Disinvestment in two stages) में किया गया है। इसके पूरा होने के बाद दोनों वित्तीय संस्थानों में केन्द्र सरकार (Central government) की हिस्सेदारी 100 फीसदी हो जाएगी।
आरबीआई (rbi) ने जारी किया बयान
आरबीआई (rbi) ने अपने बयान में कहा गया, "आरबीआई (rbi) की नाबार्ड (NABARD) में 72.5 फीसदी हिस्सेदारी 1,450 करोड़ रुपये की थी, जिसमें 71.5 फीसदी या कुल 1,430 करोड़ रुपये का अक्टूबर 2010 में विनिवेश किया गया, जो कि भारत सरकारी (Central government) की 16 सितंबर, 2010 को जारी अधिसूचना पर आधारित थी। बाकी बची हिस्सेदारी का 26 फरवरी, 2019 को विनिवेश (Disinvestment) किया गया।"
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इस सिफारिश पर हुआ हिस्सेदारी बेचने का फैसला
आरबीआई (rbi) ने कहा कि नाबार्ड (NABARD) और एनएचबी (NHB) में विनिवेश (Disinvestment) नरसिम्हन समिति 2 और आरबीआई (rbi) द्वारा विकास वित्तीय संस्थानों और बैंकों की भूमिका व संचालन के सामंजस्य पर तैयार चर्चा पत्र के आधार पर किया गया। एनएचबी (NHB) में आरबीआई (rbi) की 100 फीसदी हिस्सेदारी थी, जिसका विनिवेश (Disinvestment) 19 मार्च, 2019 को किया गया है।
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