ईरान के तेल पर रोक लगने पर भारत ने कहा, निपटने के लिए तैयार
भारत (India) ने मंगलवार को कहा कि वह ईरान (Iran) से कच्चा तेल (Crude oil) खरीदने वाले देशों को आगे प्रतिबंधों में छूट नहीं देने के अमेरिका के फैसले के प्रभाव से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को कहा कि वह ईरान (Iran) से कच्चा तेल (Crude oil) खरीदने वाले देशों को आगे प्रतिबंधों में छूट नहीं देने के अमेरिका के फैसले के प्रभाव से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। बता दें कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (ravish Kumar) ने बताया कि सरकार भारत के ऊर्जा एवं आर्थिक सुरक्षा (Energy and economic security) हितों की रक्षा (Defence) करने के सभी संभावित तरीकों को खोजने के लिए अमेरिका समेत (Including the US) अपने साझीदार देशों के साथ काम करना जारी रखेगी।
वहीं उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि सरकार ने ईरान से कच्चा तेल (crude oil) खरीदने वाले खरीदारों के लिए 'सिग्निफिकेंट रिडक्शन एक्सेप्शंस' (Significant Reduction Exceptions) जारी नहीं रखने की अमेरिका सरकार की घोषणा पर गौर किया है। कुमार का कहना है हम इस फैसले के प्रभाव से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) ने ईरान के तेल उपभोक्ताओं को दी गई छूट को समाप्त करने का फैसला किया है।
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बता दें कि ट्रंप (Trump) ने पिछले साल ईरान और दुनिया की बड़ी ताकतों के बीच 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। और तो तेहरान पर नए सिरे से प्रतिबंध लागू कर दिए थे। हालांकि, तब चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली और यूनान सहित आठ देशों को छह माह के लिये ईरान से तेल आयात (Oil import from Iran) की अनुमति दी गई थी। इसके साथ ही ईरान से तेल आयात में कटौती की भी शर्त लगाई गई थी। प्रतिबंध से छूट की यह अवधि दो मई को समाप्त हो रही है।
जानकारी दें कि ईरान (Iran) से तेल आयात करने वालों में चीन के बाद भारत दूसरा बड़ा आयातक देश (Importer country) है। भारत ने ईरान से 2017- 18 वित्त वर्ष में जहां 2.26 करोड़ टन कच्चे तेल (Crude oil) की खरीदारी की थी, वहीं प्रतिबंध लागू होने के बाद इसे घटाकर 1.50 करोड़ टन सालाना कर दिया था।