Air India Express जेट एयरवेज के विमानों को पट्टे पर ले सकती
नकदी संकट (Cash crisis) से जूझ रही जेट एयरवेज (Je Airways) ने अस्थायी तौर (Temporarily) पर परिचालन बंद कर दिया है।
नई दिल्ली: नकदी संकट (Cash crisis) से जूझ रही जेट एयरवेज (Je Airways) ने अस्थायी तौर (Temporarily) पर परिचालन बंद कर दिया है। इससे पहले, किराया नहीं देने के कारण 69 विमान परिचालन से हट गए थे। जानकारी दें कि सस्ती दर की विमानन सेवाएं देने वाली एयर इंडिया (Air India) की इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) निजी क्षेत्र की जेट एयरवेज के कुछ बोइंग 737 विमान पट्टे (Boeing 737 Aircraft Leases) पर लेने को लेकर गौर कर रही है। पट्टे का किराया नहीं देने के कारण ये विमान फिलहाल देश के विभिन्न हवाईअड्डों (Airports) पर खड़े हैं। बता दें कि 16 अप्रैल को कंपनी ने अस्थायी रूप (Temporary form) से सेवा बंद करते हुए बेड़े में शामिल अन्य विमानों का परिचालन भी बंद कर दिया।
एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्याम के सुंदर ने कोच्चि से न्यूज एजेंसी को बताया कि हम जेट एयरवेज (Jet airways) के बी737 विमानों को पट्टे पर लेने पर गौर कर रहे हैं, लेकिन अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। वास्तविकता यह है कि कई अन्य चीजें हैं जिसपर गौर करने की जरूरत है। कोच्चि एयर इंडिया एक्सप्रेस एयरलाइन (Air India Express) का मुख्यालय है।
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हालांकि यह पूछे जाने पर कि कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) के कितने विमानों को ले सकती है, उन्होंने कहा, अभी ऐसी कोई संख्या नहीं है। श्याम सुंदर का भी कहना हैं कि एयरलाइन जेट एयरवेज के 50 कमांडर नियुक्त करने की योजना है। इसमें 20 को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है।
20 हजार लोगों की नौकरियों पर खतरा
इस बात से अवगत करा दें कि लंबे समय से कैश क्राइसिस (Cash crisis) से गुजर रही निजी क्षेत्र की विमान कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) ने 16 अप्रैल को आखिरकार अपनी विमान सेवाएं अस्थाई तौर पर बंद कर दी है। बैंकों (bank) के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की तुरंत सहायता उपलब्ध कराने से इनकार कर दिए जाने के बाद एयरलाइन ने यह घोषणा की। इसके पहले भी बोर्ड बैठक में जेट एयरवेज (Jet Airways) के मैनेजमेंट ने कहा था कि अगर तुरंत कंपनी को फंड नहीं मिला तो अस्थाई तौर पर काम काज बंद करना पड़ेगा। फिलहाल जेट एयरवेज में करीब 20 हजार लोगों की नौकरियों पर भी खतरा बन गया है। एयरलाइन पर बैंकों (bank) का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है जिसके चलते वह कर्ज संकट में फंसती चली गई।