FY18-19 ITR फॉर्म भरने के दौरान इस बार देनी होगी ये जानकारियां
वित्त वर्ष (financial year) 2018-19 के लिए नए आयकर रिटर्न फॉर्म (ITR form) जारी कर दिए गए हैं।
नई दिल्ली : वित्त वर्ष (financial year) 2018-19 के लिए नए आयकर रिटर्न फॉर्म (ITR form) जारी कर दिए गए हैं। इस बात से आपको अवगत करा दें कि पिछले साल की तुलना में इस बार के आयकर रिटर्न फॉर्म (income tax return form) में कई बड़े बदलाव हुए हैं। जी हां नए बदलाव के तहत अब करदाताओं (taxpayers) को पहले के मुकाबले इस बार आयकर रिटर्न फॉर्म में अधिक जानकारियां देनी होंगी।
रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। बता दें कि फॉर्म में करतदाताओं से जो नई जानकारियां मांगी गई हैं उनमें भारत में निवास के दिनों की संख्या, अनलिस्टेड शेयर्स की होल्डिंग और टीडीएस (tds) होने पर किरायेदार का पैन (pan) शामिल है।
आपको बता दें कि CBDT की ओर से जारी इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म (income tax return form) मुख्य रूप से दो तरह के हैं। ITR-1 फॉर्म सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए होगा जिनकी कुल इनकम (income) 50 लाख रुपये तक है। वहीं इस आईटीआर फॉर्म को कोई ऐसा व्यक्ति इस्तेमाल नहीं कर सकता है जो किसी कंपनी का डायरेक्टर है। इसके अलावा जिस शख्स ने अनलिस्टेड इक्विटी शेयर में निवेश किया है उसके लिए भी यह फॉर्म उपयोगी नहीं है। बात दें कि इस फॉर्म (form) में सिर्फ सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी (House Property) और ब्याज (Interest) से होने वाली इनकम की जानकारी देनी होती है।
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ITR-1 फॉर्म में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard deduction) का भी विकल्प होगा। आईटीआर फाइल (itr file) करते समय वित्तीय वर्ष (financial year) 2018-19 में आप स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिए अधिकतम 40,000 रुपये का दावा कर सकते हैं। बता दें कि नए वित्तीय वर्ष में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard deduction) के लिए अधिकतम लिमिट 50 हजार कर दी गई है।
वहीं दूसरी ओर अगर आईटीआर-2 फॉर्म (ITR-2 form) की बात करें तो यह उन लोगों और अविभाजित हिंदू परिवारों (HUFs) के लिए है जिन्हें किसी कारोबार या पेशे से कोई प्रॉफिट या लाभ नहीं होता है। इस फॉर्म (form) में आपको वित्त वर्ष 2018-19 में निवास स्थान की जानकारी देनी होगी।