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किसानों को भारत में काफी कम सब्‍स‍िडी दी जाती

किसानों को भारत में दी जाने वाली सब्सिडी पश्चिमी देशों में दी जाने वाली अरबों डॉलर की सब्सिडी के मुकाबले काफी कम है।

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नई द‍िल्‍ली: किसानों को भारत में दी जाने वाली सब्सिडी पश्चिमी देशों में दी जाने वाली अरबों डॉलर की सब्सिडी के मुकाबले काफी कम है। आपको बता दें कि वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा कि भारत प्रति किसान केवल 250 डॉलर प्रतिवर्ष की सब्सिडी देता है। इस बात का ज‍िक्र करते हुए उन्‍होनें कहा कि लेकिन यह दुख की बात हैं क‍ि हमारी सब्सिडी को लेकर समस्या खड़ी होने लगी है, क्योंकि वे ठीक से व्यवस्थित नहीं हैं, इसलिए इस मामले में अन्य देशों से सीखने की जरूरत है।

कृषि क्षेत्र में, EU और अमेरिका भारी मात्रा में सब्सिडी देते

आपको जानकर हैरानी होगी कि यूरोपीय संघ (EU) और अमेरिका सहित विकसित देशों ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में आरोप लगाया है कि भारत अपने किसानों को भारी सब्सिडी देता है। भारत हमेशा कहता है कि उसकी कृषि सब्सिडी विश्व व्यापार संगठन की 10 प्रतिशत की सीमा से कम ही है। इतना ही नहीं अमेरिका ने भारत को इस मामले में निर्यात सब्सिडी पर डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान तंत्र के सामने लाया है।

यूरोपीय संघ और अमेरिका भारी मात्रा में सब्सिडी प्रदान करते

एक कार्यक्रम के दौरान वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा हैं कि अगर आप विकसित देशों द्वारा अपने आर्थिक एजेंटों को दी जाने वाले बजटीय सहायता को देखेंगे तो इस संख्या पर आप आश्चर्य चकित रह जायेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में, यूरोपीय संघ और अमेरिका भारी मात्रा में सब्सिडी प्रदान करते हैं। लेकिन चालाक‍ी से उन्हें उन मदों में दिखाते हैं जो डब्ल्यूटीओ मानकों के अनुकूल हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी ज‍िक्र किया कि यूरोपीय संघ में गायों को अच्‍छी सब्सिडी मिलती है। इतना ही नहीं वाणिज्य सचिव ने कहा यूरोप में गायों को इतनी सब्सिडी कि हर गाय बिजनेस क्लास में दो बार पूरी दुनिया घूम ले।

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हालांकि उदाहरण के लिए, कृषि में हमारी सब्सिडी प्रति किसान प्रति वर्ष केवल 250 अमेरिकी डॉलर है, जो कि पश्चिमी देशों के अरबों डॉलर के सब्सिडी की तुलना में काफी कम है। विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को उत्कृष्टता क्षेत्र के रूप में बनाये जाने की आवश्यकता है, जो निवेशक अनुकूल हो और जहां अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा हो।

निर्यात बढ़ाने से देश की आर्थिक वृद्धि को मदद

मौके पर मौजूद नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा कि निर्यात बढ़ाने से देश की आर्थिक वृद्धि को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि एसईजेड के बजाय, भारत को तटीय आर्थिक क्षेत्रों की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि प्रोत्साहनों को रोजगार सृजन से जोड़ा जाना चाहिए। साथ ही इन क्षेत्रों का भारत के आर्थिक विकास पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

English summary

Farmers Gets Very Low Subsidies In India Says Commerce Secretary

Commerce Secretary Anoop Wadhawan said that the subsidy given to farmers in India is far less than the billions of dollars in subsidies given in the western countries।
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