Mutual Fund : पैसा चार गुना करने वाली स्कीम निवेश के लिए फिर खुली
नई दिल्ली। म्युचुअल फंड (Mutual Fund) की ऐसी कई अच्छी स्कीम (MF scheme) हैं जिनमें निवेश (investment) का मौका काफी समय से बंद है। उनमें से एक स्कीम ने इस वक्त निवेश का फिर से मौका दिया है। म्युचुअल फंड की यह स्कीम है आईसीआईसीआई स्मॉल कैप फंड (ICICI Prudential Small cap Fund). कंपनी ने अब इस स्कीम में दोबारा निवेश स्वीकार करना शुरू कर दिया है। इस स्कीम ने अपनी शुरुआत से अभी तक जहां 17.34 फीसदी का वार्षिक रिटर्न दिया हैं, वहीं इस दौरान ऐब्सलूट रिटर्न 395 फीसदी दिया है, यानी निवेशकों का पैसा करीब चार गुना हो गया है।
ये दो स्कीमें अभी भी नहीं स्वीकार कर रहीं एकमुश्त निवेश
म्युचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियों की दो स्कीमें अभी भी एकमुश्त निवेश स्वीकार नहीं कर रही हैं। इनमें से एक एसबीआई स्मॉल कैप फंड (SBI Small Cap Fund) और दूसरी है डीएसपी स्मॉल कैप फंड (DSP Small Cap Fund) योजना। इन स्कीम में निवेशक एकमुश्त पैसा अभी भी नहीं लगा सकते हैं। इससे पहले आईसीआईसीआई स्मॉल कैप फंड (ICICI Prudential Small cap Fund) भी एकमुश्त निवेश नहीं स्वीकार कर रही थी। हालांकि अगर निवेशक चाहें तो इन स्कीम में सिप (SIP) माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
ICICI Prudential Small cap Fund पर एक नजर
-म्युचुअल फंड (Mutual Fund) की इस स्कीम की शुरुआत अक्टूबर 2007
-पिछले 10 साल का रिटर्न 17.34 फीसदी
-पिछले 10 साल का ऐब्सलूट रिटर्न 395 फीसदी
10 साल का सिप (sip) रिटर्न
-5 हजार रुपये महीने का निवेश
-कुल निवेश राशि 6 लाख रुपये
-आज यानी 20 मार्च 2019 को निवेश की वैल्यू 10.91 लाख रुपये
-कुल प्रॉफिट 4.86 लाख रुपये
-कुल मुनाफा प्रतिशत में 80.39 फीसदी
-वार्षिक रिटर्न 11.32 फीसदी
Mutual Fund : ये हैं Bank FD से दोगुना रिटर्न वाली स्कीमें
क्यों निवेश पर रोक लगाती है म्युचुअल फंड कंपनियां
म्युचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियां अपनी किसी स्कीम में निवेश पर तब रोक लगाती हैं, जब उनको लगता है कि अगर स्कीम में और पैसा आया तो उसके निवेश का मौका फिलहाल शेयर बाजार में नहीं है। हर स्कीम एक कैटेगरी में होती है। सेबी के नियमों के अनुसार म्युचुअल फंड कंपनियों को पैसा अपनी कैटेगरी में तय शेयरों में ही करना होता है। इसके चलते कई बार फंड मैनेजर्स निवेश के नए मौके नहीं खोज पाते हैं। ऐसे में उनको नया निवेश लेने से मना करना पड़ता है। कैटेगरी के हिसाब से शेयरों की लिस्ट भी साल में दो बार बदलती है। इस बदलाव से नए मौके बनते हैं, और फंड मैनेजर्स फिर से निवेश लेने लगते हैं। ऐसा ही आईसीआईसीआई स्मॉल कैप फंड (ICICI Prudential Small cap Fund) के साथ हुआ है, जिसके चलते यह स्कीम को नए निवेश के लिए खोल दिया गया है। इस स्कीम में एकमुश्त निवेश पर जुलाई 2018 में रोक लगाई गई थी।
इस Mutual Fund स्कीम ने भी बना दिया Crorepati, आपके लिए भी है मौका
जानकारों की राय
फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम के अनुसार म्युचुअल फंड (Mutual Fund) की अच्छी स्कीम में निवेश करना काफी फायदेमंद होता है। हालांकि इनका कहना है कि किसी भी म्युचुअल फंड स्कीम में निवेश का सबसे अच्छा तरीका सिप ही होता है। सिप माध्यम से निवेश करने पर जहां रिस्क कम हो जाता है, वहीं अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद काफी बढ़ जाती है।
जानें म्युचुअल फंड में सिप क्या है (What is SIP)
म्युचुअल फंड (mutual fund) में निवेश के एक तरीके को सिस्टेमेटिक प्लान (Sistmatic Investment Plan) यानी सिप (SIP) कहते हैं। सिप (SIP) में किसी म्यूच्यूअल फंड में एक निश्चित अंतराल पर लगातार निवेश किसा जाता है। दरअसल यह करीब करीब पोस्ट ऑफिस (Post office) की आरडी (RD) की तरह होता है। इस तरह का निवेश शेयर बाजार मे होने वाले उतार चढ़ाव का म्युचुअल फंड (mutual fund) पर पड़ने वाले निगेटिव प्रभाव को कम करता है और रिटर्न का बढ़ाने में मदद करता है।
Mutual Fund : जानें निवेश का सही तरीका जो बना सकता है करोड़पति
सिप (SIP) या एकमुश्त कर सकते हैं निवेश
म्युचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश में दो विकल्प मिलते हैं। एक में पैसा एक साथ लगा सकते हैं, जबकि दूसरे में हर माह निवेश का विकल्प का मिलता है। हर माह निवेश के विकल्प को सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) कहते हैं। अगर आपके पास एक साथ बड़ी रकम नहीं है तो आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से निवेश शुरू कर सकते हैं। म्युचुअल फंड की कई स्कीम 500 रुपये से निवेश की शुरुआत की अनुमति देती हैं।
हालांकि सिप (SIP) से निवेश में आसानी
सिप (SIP) माध्यम से निवेश करने मैं बहुत ही आसानी है। इसमें निवेश करने के लिए आपको चुने गए म्युचुअल फंड (mutual fund) को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होता है। इससे आपकी तरफ से तय की गई तारीख को आपकी तरफ से तय की गई रकम आपके बैंक अकाउंट से अपने आप ही कट कर म्युचुअल फंड कंपनी में चली जाती है। सिप (SIP) शुरू करने के बाद यह पूरा प्रोसेस अपने आप हर माह होता रहता है।
सिप (SIP) से घटता है निवेश का जोखिम
म्युचुअल फंड (mutual fund) में सिस्टेमेटिक प्लान (Sistmatic Investment Plan) यानी सिप (SIP) माध्यम से निवेश करने से जोखिम कम होता है और ज्यादा लाभ मिलने का चांस बढ़ जाता है। जब भी हम किसी म्युचुअल फंड में सिप (SIP) के माध्यम से निवेश करते हैं तो हमारा पैसा एक निश्चित अंतराल पर म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) में निवेश होता है जो शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम करता है। इसके अन्य फायदे जानते हैं
छोटे रकम से निवेश
अगर आप के पास एकमुश्त रकम नहीं है तो सिप (SIP) की शुरुआत केवल 500 रुपये से भी हो सकती है। बाद में धीरे धीरे यही छोटी रकम एक दिन बड़ी रकम का रूप ले लेगी।
कम रिस्क
सिप (SIP) में एक निश्चित अंतराल पर रकम म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) में डाली जाती है। इससे मार्केट में होने वाली है उतार-चढ़ाव मे होने वाले जोखिम को कम करता है। इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए आपके पास 1,00000 रुपये निवेश करने के लिए है। और इस रकम को आप एक साथ निवेश ना करके आप इस रकम को 10,000-10,000 हजार रुपये की 10 किस्त में हर महीने जमा करते हैं यानी हर महीने 10,000 हजार रुपये का निवेश करते हैं। ऐसे में शेयर बाजार मे होने वाले उतार चढ़ाव को एवरेज करने का मौका आपको 10 बार मिलेगा, जो आपका रिस्क कम कर देगा।
ये है Mutual Fund की पूरी A B C D, थोड़े-थोड़े निवेश को बना दे करोड़ों
म्युचुअल फंड (Mutual fund) से जुड़े शब्द
एनएवी (NAV) (Net Asset Value) : जब भी म्यूचुअल फंड (Mutual fund) की बात होती है तब एक टर्म जो बार-बार प्रयोग में आती है, वह है- NAV. एक म्यूचुअल फंड (Mutual fund) कई जगह पैसे निवेश करता है इसलिए अगर किसी समय फंड से पैसा वापस लेना है तो यह उसकी NAV पर निर्भर करता है। अगर बेचना न भी हो तो फंड में पैसे के बारे में जानने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। किसी म्यूचुअल फंड (Mutual fund) की NAV वो कीमत है जिससे उस फंड की एक यूनिट खरीदी या बेची जा सकती है।
ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी एसेट (Asset Management Company) (AMC) : मैनेजमेंट कंपनी वह कंपनी होती है जो अलग-अलग प्रकार की म्यूचुअल फंड (Mutual fund) स्कीम लेकर बाजार में आती हैं। जैसे रिलायंस ग्रोथ फंड (म्यूचुअल फंड स्कीम) को रिलायंस कैपिटल ऐसेट मैनेजमेंट लिमिटेड ने लॉन्च किया, जो एक एएमसी यानी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी है।
पोर्टफोलियो मैनेजर (Portfolio Manager) : एक बार अगर आपका पैसा म्यूचुअल फंड (Mutual fund) स्कीम में चला गया, तब उस धन का प्रबंधन पोर्टफोलियो मैनेजर करते हैं। वे आपके धन को शेयर या फिर बॉन्ड में निवेश करते हैं, यह निवेश आपकी स्कीम कैसी है उस पर निर्भर करता है। अगर स्कीम के नजरिये से देखा जाये तो उनके निर्णय बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे सिर्फ आपका नहीं, बल्कि आपके जैसे हजारों लोगों के धन का प्रबंधन करता है।
म्युचुअल फंड इंट्री लोड (MF Entry load) : म्युचुअल फंड इंट्री लोड एक महत्वपूर्ण शब्द है, जो हर म्यूचुअल फंड (Mutual fund) निवेशक के सामने आता है। एंट्री लोड और एक्जिट लोड यानी जब आप निवेश कर रहे हैं, उस वक्त पड़ने वाला शुल्क और जब आप स्कीम से बाहर निकल रहे हैं, उस वक्त पड़ने वाला शुल्क, जब आप म्चूचुअल फंड (Mutual fund) खरीदते हैं तब कई बार आपको एनएवी से ज्यादा पैसा देना पड़ता है। और बेचते वक्त हो सकता है आपको कम एनएवी मिले. हालांकि यह निवेशकों के लिये अच्छा नहीं होता।
म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो (Mutual Fund Portfolio) : सभी शेयर और निवेश किया गया धन मिलकर पोर्टफोलियो बनता है, तो अगर कोई म्यूचुअल फंड स्कीम रिलायंस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज ऑटो, आईडीबीआई बैंक और कुछ सरकारी बॉन्ड खरीदते हैं तो ये सभी एकत्र होकर एक पोर्टफोलियो बनते हैं।
एयूएम (AMU) : पूर्ण धन जो निवेश किया गया है, उस कुल धन को एसेट्स अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम कहते हैं। एयूएम (AMU) बाजार के वातावरण और निवेशकों के निवेश व धन निकालने की तीव्रता के हिसाब से घटता बढ़ता रहता है।
एसआईपी (SIP) : ज्यादातर ओपन एंडेड में आप हर महीने छोटे-छोटे निवेश कर सकते हैं या फिर तिमाही, छहमाही या सालाना भी। इसे सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) कहते हैं। यह बैंक के आवर्ती जमा की तरह कार्य करता है।
एनएफओ न्यू फंड ऑफर (NFO) : म्यूचुअल फंड (Mutual fund) के नये ऑफर होते हैं जिनकी फेस वैल्यू 10 रुपए होती है।
(नोट-निवेश सलाह ब्रोकरेज हाउस और मार्केट एक्सपर्ट्स के द्वारा दी गई हैं। कृपया अपने स्तर पर या अपने एक्सपर्ट्स के जरिए किसी भी तरह की सलाह की जांच कर लें। मार्केट में निवेश के अपने जोखिम हैं, इसलिए सतर्कता जरूरी है।)