GST काउंसिल की 34वीं बैठक आज
जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक आज यानी19 मार्च को होने वाली है। इस बैठक में निर्माणाधीन घरों पर जीएसटी की दरों में कटौती के दिशानिर्देश तय किया जा सकता है।
नई दिल्ली : जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक आज यानी19 मार्च को होने वाली है। इस बैठक में निर्माणाधीन घरों पर जीएसटी की दरों में कटौती के दिशानिर्देश तय किया जा सकता है। इस गाइडलाइन के जरिये सरकार सुनिश्चित करेगी कि करों में कमी का फायदा ग्राहकों तक पहुंचे और डेवलपर को अनुचित लाभ न पहुंचे।
नई दरें एक अप्रैल से लागू होनी
जीएसटी परिषद ने घर खरीदारों को राहत देते हुए निर्माणाधीन घरों पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच फीसदी की। साथ ही किफायती घरों पर भी जीएसटी की दर घटाकर आठ से एक फीसदी कर दी गई है। ये नई दरें एक अप्रैल से लागू होनी है।
रियल एस्टेट पर जीएसटी की दरों की समीक्षा करने वाले मंत्रियों के समूह ने ये आशंका जाहिर की थी कि हो सकता है दरें घटने के बाद बिल्डर इसका फायदा ग्राहकों को न दें। यही वजह है जीएसटी परिषद के अधिकारी बैठकर बिल्डरों के लिए नई गाइडलाइन बना सकते हैं ताकि घर खरीदारों के साथ कोई धोखा न हो। न ही बिल्डर किसी भी तरह से फ्लैट के दाम बढ़ा सकें। सूत्रों के मुताबिक 19 मार्च की बैठक में राज्यों के राजस्व विभाग के साथ निर्माणाधीन घरों पर जीएसटी कटौती का फायदा, घर खरीदारों को देने की रूपरेखा तय की जाएगी। साथ ही नई दरों को लागू करने के तौर तरीकों पर भी फैसला किया जाएगा।
चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद देश में आचारसंहिता लागू हो गई है। ऐसे में किसी भी नीतिगत फैसले के लिए या फिर पहले से ऐलान किए गए फैसलों में जरूरी बदलाव या इजाफे के लिए चुनाव आयोग की मंजूरी जरूरी होती है।
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80% माल पंजीकृत आपूर्तिकर्ता से ही खरीदें
बैठक में ये भी फैसला लिया जा सकता है कि बिल्डर घर बनाने के लिए 80% माल पंजीकृत आपूर्तिकर्ता से ही खरीदें। वहीं पुरानी बिल्डिंग तोड़कर नई बनाने को भी निर्माणाधीन घर माना जाने का फैसला लिया जा सकता है। यही नहीं नए के साथ मौजूदा खरीदारों को भी जीएसटी की दरों में कटौती का फायदा देने पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी।
फरवरी में गिरा GST कलेक्शन
फरवरी में जीएसटी कलेक्शन गिरकर 97,247 करोड़ रुपये पर आ गया जबकि जनवरी में यह 1.02 लाख करोड़ रुपये रहा था। कुल 97,247 करोड़ रुपये के जीएसटी में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) संग्रह 17,626 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 24,192 करोड़ रुपये और इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) 46,953 करोड़ रुपये तथा सेस 8,476 करोड़ रुपये रहा।
जबकि चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक कुल 10.70 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ है। सरकार ने संशोधित अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए जीएसटी संग्रह के लक्ष्य को कम करके 11.41 लाख करोड़ रुपये कर दिया। 2018-19 के बजट में इसके 13.71 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया गया था।