सरकार टैक्स बढ़ाने जा रही है, टीवी, फ्रिज, AC हो सकते हैं महंगे
गर्मियों में अगर आप एसी, फ्रिज, टीवी या कोई अन्य घरेलू उत्पाद खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो जल्दी खरीद लीजिए।
नई दिल्ली: गर्मियों में अगर आप एसी, फ्रिज, टीवी या कोई अन्य घरेलू उत्पाद खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो जल्दी खरीद लीजिए। आने वाले कुछ ही दिनों में ये उत्पाद महंगे हो सकते हैं। केंद्र सरकार एयर कंडीशनर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और माइक्रोवेव अवन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने जा रही है। बता दें कि 2017 से अब तक इन उत्पादों के दाम 8-12 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
पिछले साल इंपोर्ट ड्यूटी को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी
बता दें कि वाणिज्य मंत्रालय एसी और फ्रिज के कंप्रेसर और कंडेन्सर पर लगने वाली स्टील शीट और कॉपर ट्यूब पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। सरकार ने पिछले साल कंप्रेसर पर इंपोर्ट ड्यूटी को 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी किया था। फुली फिनिश्ड एसी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन पर ड्यूटी को दोगुना करके 20 फीसदी कर दिया गया था।
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मैन्युफैक्चरर्स की परेशानी बढ़ सकती
इस बात से भी अवगत करा दें कि Business Standard के मुताबिक सरकार के इस प्रस्तावित कदम से मैन्युफैक्चरर्स की परेशानी बढ़ सकती है। पिछली बार इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने पर मैन्युफैक्चरर्स को इन उत्पादों के दामों में 3-5 फीसदी इजाफा करना पड़ा था। अब और इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने से लोकल मैन्युफैक्सरर्स को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ज्यादातर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां TV और होम अप्लायंसेज के कंपोनेंट्स पर लगने वाली कस्टम ड्यू्टी को पूरी तरह बैन खत्म करने की मांग कर रही हैं।
व्यापारी कच्चे माल पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं
वहीं दूसरी ओर LG Electronics India के वाइस प्रेसीडेंट विजय बाबु के मुताबिक उनकी कंपनी ने केंद्र सरकार के सामने इस मुद्दे को रखा है। LG के अलावा Lloyd, Panasonic, Samsung ने भी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन (CEAMA) के जरिए सरकार के सामने अपनी राय रखी है। CEAMA के प्रेसीडेंट कमल नंदी ने कहा कि कंपोनेंट्स पर कस्टम ड्यूटी नहीं बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि देश में इनकी मैन्युफैक्चरिंग के लिए कोई इकोसिस्टम नहीं है। सरकार फुली फिनिश्ड गुड्स पर भले ही कस्टम ड्यूटी बढ़ा दे, लेकिन कंपोनेंट्स पर लगी कस्टम ड्यूटी को कम हो जाना चाहिए।