कैनरा बैंक के साथ हुई 1 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी
सरकारी बैंक कैनरा बैंक के साथ मंगलवार को 1 हजार रुपए की धोखाधड़ी हुई है।
नई दिल्ली: सरकारी बैंक कैनरा बैंक के साथ मंगलवार को 1 हजार रुपए की धोखाधड़ी हुई है। जी हां केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने कैनरा बैंक की अगुआई वाले कर्जदाताओं के समूह को 1000 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में रांची एक्सप्रेसवे लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के श्रीनिवास राव समेत कंपनी के प्रवर्तकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार दी।
आपको जानकारी दें कि सीबीआई ने रांची एक्सप्रेसवे लिमिटेड के सीएमडी के श्रीनिवास राव, कंपनी के निदेशकों एन सीतैया, एन पृथ्वी तेजा और कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इसके अलावा मधुकॉन प्रोजेक्ट लिमिटेड, मधुकॉन इंफ्रा, मधुकॉन टोल हाईवे लिमिटेड और ऑडिट फर्म 'कोटा एंड कंपनी' का नाम भी प्राथमिकी में शामिल है।
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हालांकि बैंकों के समूह के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला रांची से जमशेदपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग -33 पर 163 किलोमीटर लंबे मार्ग को चार लेन बनाने से जुड़ा है। इसके निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने मधुकॉन प्रोजेक्ट लिमिटेड का 18 मार्च 2011 को चुना था।
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बता दें कि अधिकारियों ने कहा कि परियोजना के लिए विशेष कंपनी रांची एक्सप्रेस-वे लिमिटेड की स्थापना की गई। यह परियोजना डिजाइन, निर्माण, वित्तपोषण, परिचालन और स्थानांतरण मॉडल पर आधारित थी। उन्होंने कहा कि परियोजना की अनुमानित लागत 1,655 करोड़ रुपए थी। इसके लिए कैनरा बैंक की अगुआई वाले 15 बैंकों का समूह 1151.60 करोड़ रुपए का कर्ज देने पर सहमति जताई थी जबकि प्रवर्तकों को 503.60 करोड़ रुपए देने थे।
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वहीं इस बात से भी अवगत कराया कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक रांची एक्सप्रेसवे के प्रवर्तक-निदेशकों श्री निवास राव, एन सीतैया और एन पृथ्वी तेजा ने कुल 264.01 करोड़ रुपए की पूंजी गड़बड़ी की।
जानकारी दें कि निदेशकों पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों के समूह से 1,029.39 रुपए की पूंजी प्राप्त करने के लिए धोखाधड़ी की लेकिन परियोजना में कोई प्रगति नहीं हुई और ऋण 2018 में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति में तब्दील हो गया।