अरुण जेटली: ग्रेच्युटी की लिमिट बढ़ने से नौकरीपेशा को काफी फायदा
वित्त मंत्री अरुण जेटली (finance minister arun jaitley)ने मंगलवार को कहा कि कर-मुक्त ग्रेच्युटी (gratuity tax) सीमा को दोगुना कर 20 लाख रुपये किए जाने के निर्णय का लोक उपक्रमों और निजी क्षेत्र
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली (finance minister arun jaitley)ने मंगलवार को कहा कि कर-मुक्त ग्रेच्युटी (gratuity tax) सीमा को दोगुना कर 20 लाख रुपये किए जाने के निर्णय का लोक उपक्रमों और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को फायदा होगा। सरकार ने 2019-20 के अंतरिम बजट (interm budget) में पांच साल से अधिक सेवा वाले उन कर्मचारियों के लिये भी कर मुक्त ग्रेच्युटी (tax free gratuity) की सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है जो कि ग्रेच्युटी कानून के दायरे में नहीं आते हैं।
इस बात से तो आप बखूबी अवगत होंगे कि बीते 1 फरवरी को मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में ग्रेच्युटी लिमिट बढ़ा कर 20 लाख करने का ऐलान किया था। जिस दौरान सरकार की ओर से एक और बड़ा फैसला लिया गया। इसके तहत 20 लाख की ग्रेच्युटी को टैक्स फ्री कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले का फायदा लाखों कर्मचारियों को मिलने वाला है।
ट्विटर पर लिखा जेटली ने
इस बात से अवगत करा दें कि जेटली ने ट्वीट कर के कहा हैं कि आयकर कानून की धारा 10 (10)(3) के तहत ग्रेच्युटी पर आयकर छूट (income tax) सीमा को 20 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है। इसका लाभ उन सभी लोक उपक्रम एवं अन्य कर्मचारियों को भी होगा जो ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के दायरे में नहीं आते हैं।
अधिनियम-2018 पारित पिछले साल ही हुआ था
वहीं संसद ने पिछले साल ही ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) अधिनियम-2018 को पारित किया था। इस संशोधन के जरिये सरकार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी को कर-मुक्त करने और नियमित सेवा अवधि के तहत मातृत्व अवकाश तय करने का अधिकार दिया गया है। फरवरी माह में जीएसटी से कुल 97,247 करोड़ रुपए का रेवेन्यू ये भी पढ़ें।
क्या है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत अगर आप किसी निजी कंपनी में 5 साल से अधिक समय तक काम करते हैं तो आपकी कंपनी ग्रेच्युटी के रूप में एक अतिरिक्त लाभ देती है। यह उन सभी कंपनियों पर लागू होती है, जिसमें 10 या इससे अधिक लोग काम करते हैं।
ग्रेच्युटी का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है जो किसी भी कंपनी में लगातार 5 सालों तक काम करते हैं। इसका मकसद कर्मचारियों को उनके रिटायर होने के बाद सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना होता है।