पीएनबी ने सस्ता किया लोन, ब्याज दर 0.10 फीसद घटाई
पंजाब नेशनल बैंक में अगर आपका भी अकाउंट खुला है तो वाकई ये आपके बडें काम की खबर है।
पंजाब नेशनल बैंक में अगर आपका भी अकाउंट खुला है तो वाकई ये आपके बडें काम की खबर है। इतना ही नहीं होम और कार लोन लेने वालों के लिए भी अच्छी खबर है। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बुधवार को कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.10 प्रतिशत अंक की कटौती की है। यह कटौती विभिन्न समयावधि के कर्ज के लिये की गयी है। पीएनबी ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि यह कटौती एक मार्च 2019 से की गयी है।
पीएनबी का एमसीएलआर कटौटी के बाद हुआ इतना
एक साल के कर्ज पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से कम कर 8.45 प्रतिशत कर दी गयी है। वहीं तीन साल की अवधि के कर्ज के लिये ब्याज दर कम कर 8.65 प्रतिशत होगी। एक दिन, एक महीना, तीन, छह महीने के लिये एमसीएलआर को भी 0.10 प्रतिशत कम कर क्रमश: 8.05 प्रतिशत, 8.10 प्रतिशत तथा 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है।
पहले ही एसबीआई ने घटाई ब्याज दरें
आधार दर 9.25 प्रतिशत पर बनी रहेगी। आपको याद दिला दें कि इससे पहले, आठ फरवरी को देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 30 लाख रुपए तक के आवास ऋण पर ब्याज दर 0.05 प्रतिशत कम करने की घोषणा की थी।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने 2018-19 की अंतिम द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत कम कर 6.25 प्रतिशत कर दिया। इससे बैंकों के लिये कर्ज सस्ता करने का रास्ता साफ हुआ।
गवर्नर के साथ बैठक के बाद भी बैंकों ने नहीं किया बदलाव कोई
कई बैंकों ने रिजर्व बैंक के दरों में कटौती के बाद भी दरों में कटौती नहीं की थी। इसके बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने बैंकों के साथ बैठक कर उनसे दरें सस्ती करने के बारे में पूछा था। हालांकि इसके बाद भी बैंकों ने दरों को कम करने में रूचि नहीं दिखाई।
पिछले साल लगा था भारतीय बैंकिंग सेक्टर को सबसे बड़ा झटका
याद दिला दें कि पिछले साल की शुरुआत में भारतीय बैंकिंग सेक्टर को सबसे बड़ा झटका लगा। 29 जनवरी 2018 को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और जेम्स-ज्वैलरी के क्षेत्र में काम करने वाली तीन कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए बैंकिंग इतिहास के सबसे बड़े घोटाले की जानकारी दी, जिसकी धमक पूरे बैंकिंग सेक्टर में महसूस की गई।
वहीं मई तक आते-आते घोटाले की अनुमानित रकम करीब 14,000 करोड़ रुपये तक जा पहुंची, जिसका असर बैंक के खाते पर भी दिखा और मार्च तिमाही में पीएनबी को 13,416.91 करोड़ रुपये का अभूतपूर्व घाटा हुआ। इसके बाद की दो तिमाहियों में बैंक का घाटा क्रमश: 940 करोड़ रुपये और 4,532.35 करोड़ रुपये रहा।
हालांकि घोटाले का सबसे बड़ा नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ा। 2018 में जनवरी की शुरुआत में पीएनबी के एक शेयर की कीमत करीब 166 रुपये थी, जो इसी महीने में 197.60 रुपये के ऊच्चतम स्तर को छूने में सफल रही।
घोटाले की खबर सामने आने के बाद पीएनबी के शेयरों की जबरदस्त पिटाई हुई और हर ट्रेडिंग सेशन में यह नया लो (निचला स्तर) बनाते हुए 58.65 रुपये के निचले स्तर पर जा पहुंचा।