GST: सरकार ने 20 हजार करोड़ की टैक्स चोरी का लगाया पता
चालू वित्त वर्ष में अब तक 20,000 करोड़ रुपये मूल्य की जीएसटी (gst)चोरी पकड़ी जा चुकी है। बता दें कि इसमें से 10 हजार करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक 20,000 करोड़ रुपये मूल्य की जीएसटी (gst)चोरी पकड़ी जा चुकी है। बता दें कि इसमें से 10 हजार करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। इनडायरेक्ट टैक्स (indirect tax)एंड कस्टम ड्यूटी मेंबर (custom duty member) (इन्क्वायरी) जॉन जोसेफ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि धोखाधड़ी रोकने के लिये और कदम उठाए जाएंगे।
वहीं उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि जल्द ही रीयल एस्टेट क्षेत्र (real estate sector) के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाया जाएगा ताकि जीएसटी दरों (gst tax)में कटौती के बाद उसे अपनाने में हो रही समस्याओं को समझा जा सके। उन्होंने ये बातें उद्योग मंडल (एसोचैम) के एक कार्यक्रम में कही।
25 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी
टैक्स ऑफिसर्स (tax officers) ने मंगलवार को 1,500 करोड़ रुपये का फर्जी (इनवायस) का पता लगाया। इसका उपयोग अवैध तरीके से 75 करोड़ रुपये के जीएसटी क्रेडिट (gst credit)के लिये किया गया। इसमें से 25 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।
5-10% कंपनियां ही तोड़ रही कानून
हालांकि जोसेफ के मुताबिक सिर्फ 5-10 फीसदी कंपनियां ही ऐसी हैं जो नियमों का पालन नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अनुपालन बढ़ाने के ये कदम उठाएगी और कर चोरी करने वालों के खिलाफ इस रूप से कार्रवाई करेगी जिससे सही तरीके से काम कर रही कंपनियों को नुकसान नहीं हो।
अंडर-कंस्ट्रक्शन मकानों पर ITC को लेकर सवाल
जिन मकानों का पूरा निर्माण नहीं हुआ पर वे बनकर तैयार हैं और खरीदारों को नहीं बेचे गये, उन पर आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) (input tax credit) की मांग पर जोसेफ ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र शहरी (real estate sector)विकास मंत्रालय के समक्ष इस मुद्दे को उठाना होगा। जोसेफ के मुताबिक राजस्व विभाग के रूप में उनके पास सीमित शक्तियां हैं और वे सब्सिडी का अधिक लाभ नहीं दे सकते हैं।
वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद (gst council) ने पिछले रविवार को जीएसटी रेट कम कर निर्माणधीन मकानों पर 5 फीसदी और सस्ते आवासों पर एक फीसदी कर दिया। इससे पहले यह दर निर्माणधीन मकानों पर 12 फीसदी और सस्ते आवासों पर 8 फीसदी था। हालांकि बिल्डरों को अब स्टील, सीमेंट जैसे कच्चे माल पर किये गये कर भुगतान का 'क्रेडिट' नहीं मिलेगा।