Supreme court : एरिक्सन मामले में अनिल अंबानी अवमानना के दोषी करार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी और कंपनी के दो डायरेक्टर्स को कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि अनिल अंबानी और अन्य दो निदेशकों को एरिक्सन इंडिया को 4 हफ्तों के अंदर 453 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। यदि वे इस राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें तीन महीनों की जेल हो सकती है।
Visuals from Supreme Court, Delhi: Supreme Court holds Reliance Communication Chairman Anil Ambani and two directors guilty of contempt of court on a contempt plea filed by Ericsson India against him over not clearing its dues of Rs 550 crore. pic.twitter.com/bDS5VoHGRx
— ANI (@ANI) February 20, 2019
देरी पर जुर्माना भी लगेगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि एक महीने में एरिक्शन को राशि का भुगतान नहीं होता है तो सभी पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा। आरकॉम के अन्य दो डायरेक्टर जिन्हें अदालत की अवमानना के मामले में दोषी पाया गया है, वे हैं रिलायंस टेलीकॉम के चेयरमैन सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल की चेयरपर्सन छाया विरानी हैं।
ये है मामला
गौरतलब है कि रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ बकाया भुगतान नहीं करने पर टेलीकॉम उपकरण निर्माता एरिक्सन की तरफ से दायर तीन अवमानना याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और विनीत सरन की पीठ ने 13 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।550
करोड़ रुपये का यह मामला
इससे पहले, याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और विनीत सरन की पीठ ने 13 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जब एरिक्सन इंडिया (Ericsson India) ने आरोप लगाया था कि रिलायंस ग्रुप के पास राफेल विमान सौदे में निवेश के लिये रकम है, लेकिन वे उसके 550 करोड़ के बकाये का भुगतान करने में असमर्थ हैं। हालांकि अनिल अंबानी (Anil Ambani) के नेतृत्व वाली कंपनी ने इस आरोप से इनकार किया था।
अनिल अंबानी (Anil Ambani) की दलील
अनिल अंबानी (Anil Ambani) ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि बड़े भाई मुकेश अंबानी ने नेतृत्व वाली रिलायंस जियो (Jio) के साथ संपत्तियों की बिक्री का सौदा विफल होने के बाद उनकी कंपनी दिवालियेपन के लिए कार्यवाही कर रही है, ऐसे में पैसों पर उसका नियंत्रण नहीं है। इसी कारण वह एरिक्सन इंडिया (Ericsson India) का पैसा नहीं दे पाई है। यह अवमानना याचिका अंबानी, रिलायंस टेलिकॉम के अध्यक्ष सतीश सेठ, रिलायंस इन्फ्राटेल की अध्यक्ष छाया विरानी और एसबीआई अध्यक्ष के खिलाफ दायर की गई थी।
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