नई से ज्यादा बिक रहीं पुरानी Car, जानें खरीदने का तरीका
नई दिल्ली। देश में नई से ज्यादा तेज पुरानी कारों (used car) का बाजार बढ़ रहा है। दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल मार्केट में आंकड़े यही कहानी कह रहे हैं। फिलहाल भारत का ऑटोमोबाइल मार्केट करीब 2.1 लाख करोड़ रुपये (300 बिलियन डॉलर) है। सेकेंड हैंड कार (second hand car) बाजार में यह बढत तब दर्ज की जा रही है जब कार कंपनियां रोज नए नए मॉडल लांच कर रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि पुरानी कार खरीदने वक्त कुछ सावधानियां (Tips for Buying Second Hand Car) रखी जाएं, जिससे अच्छी कार खरीद सकें।
सियाम के आंकड़े
देश में ऑटोमाबाइल निर्माताओं का संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) की तरफ से 2018 के आंकड़ों के अनुसार देश में जहां 32 लाख नई कारें बिकीं वहीं सेकेंड हैंड कारों (second hand car) की 40 लाख रही। इस प्रकार सेकेंड हैंड कारों (used car) का बाजार करीब 25 फीसदी ज्यादा बड़ा रहा। वहीं क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर 3 में से 2 कारे सेकेंड हैंड ही होती हैं। क्रिसिल का अनुमान है कि 2020 तक देश में सेकेंड हैंड कारों का बाजार करीब 15 फीसदी की दर से बढ़ता रहेगा।
सेकेंड हैंड कारों की बिक्री बढ़ने का ये है कारण
देश में सेकेंड हैंड कारों (second hand car) का बाजार तेजी से बढ़ने का मुख्य कारण है इसकी बिक्री की संस्थागत व्यवस्था। देश में सेकेंड हैंड कारों (used car) की बिक्री के लिए कई कंपनियां बाजार में आ गई हैं। इनमें से ज्यादातर ऑनलाइन हैं। इसके चलते देशभर में इन कंपनियों से जानकारी ली जा सकती है। इन कंपनियों में कारदेखो (CarDekho), ओएलएक्स (OLX), ड्रूम (Droom), कार24 (CARS240, महिन्द्रा फर्स्ट च्वाई (Mahindra First choice) जैसी कंपनियां शामिल हैं।
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ब्रांडिंग पर खर्च कर रही हैं ये कंपनियां
देश में सेकेंड हैंड कार (second hand car) कंपनियां अपनी ब्रांड वैल्यू बढ़ाने और अन्य कारणों से विज्ञापन पर काफी ज्यादा खर्च कर ही हैं। कारदेखो ने 2016 में करीब 62 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च किया है। वहीं कार ट्रेड और कारवाले दोनों ने करीब 161 करोड़ रुपये विज्ञापन और प्रमोशनल गतिविधियों पर खर्च किया। ऐसा नहीं है कि खर्च करने में ये दो कंपनियां ही आगे रही हैं, अन्य कंपनियों ने भी काफी पैसा खर्च किया है। ऑनलाइन सेकेंड हैड (used car) बेचने वाली कंपनी ड्रूम ने भी करीब 20.60 करोड़ रुपये खर्च किया।
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सेकेंड हैंड कार (second hand car) लेने के पहले क्या रखें सावधानी
-कारपेट और सीट कवर से बदबू तो नहीं आ रही
-बाहर से दिखने वाले स्क्रू पर जंग के निशान, सीट के रेल चैनल या दरवाजे के कब्जे पर जंग के निशान तो नही
-कार की वाइरिंग पर कीचड़ या मलबा जमा तो नहीं है
-फ्यूज बॉक्स के कवर पर कीचड़/जंग होना, सेंट्रल कंसोल पैनल और गियर लीवर पैनल या दरवाजे की बीड पर कीचड़ या जंग तो नहीं
-ईंजन के आसपास पानी के लाइन तो नहीं बनी है
-वायरिंग कड़ी और बेतरतीब तो नहीं है
-कार का इंटीरियर और उसका डैशबोर्ड कार की उम्र के हिसाब से मेल खाता है या नहीं
-अधिकृत विक्रेता से ही सेकेंड हैंड कार खरीदें
-सेकेंड हैंड कार (used car) के बीमे के कागज चेक करें और बीमा कंपनी से यह जानकारी जुटाएं कि कोई बड़ा क्लेम तो नहीं किया गया है
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