7th Pay Commission : इस राज्य ने दिया कर्मचारियों को बड़ा लाभ
लखनऊ। सावतें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के लागू होने के पहले से ही की जा रही बड़ी मांग को उत्तर प्रदेश ने पूरा कर दिया है। केन्द्र सरकार की अधिसूचना 31 जनवरी, 2019 में दी गई व्यवस्था के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों (Government employee) के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत अंशदायी पेंशन योजना यानी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली या एनपीएस (National pension system) (nps) के तहत कर्मचारी द्वारा पूर्ववत् वेतन और महंगाई भत्ते के 10 प्रतिशत के समतुल्य धनराशि का मासिक अंशदान किया जाएगा तथा आगामी एक अप्रैल से राज्य सरकार अथवा संबंधित स्वायत्तशासी संस्था व निजी शिक्षण संस्था द्वारा वेतन और महंगाई भत्ते के 14 प्रतिशत के बराबर नियोक्ता का अंशदान किया जाएगा।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह आदेश सरकारी कर्मचारी और राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित स्वायत्तशासी संस्थाओं एवं सरकार से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के कर्मचारियों (Government employee) पर समान रूप से लागू होगा।
इससे पहले दिसंबर 2018 में मोदी सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली या एनपीएस (National pension system) (nps) में सरकार का योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का 14 प्रतिशत कर दिया था। यह अभी 10 प्रतिशत था. हालांकि कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत बना रहेगा। मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों (Government employee) के 10 प्रतिशत तक योगदान के लिए आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कर प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी थी। फिलहाल सरकार और कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में 10-10 प्रतिशत था। अब सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत पर बना रहेगा, जबकि सरकार का योगदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत हो जाएगा।
पेंशन को लेकर बड़ी घोषणा
एक निर्णय के अनुसार यदि कर्मचारी (Government employee) सेवानिवृत्ति के समय राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली या एनपीएस (National pension system) (nps) में जमा धन का कोई भी हिस्सा निकालने का निर्णय नहीं करता है और 100 प्रतिशत पेंशन योजना में हस्तांतरित करता है, तो उसका पेंशन अंतिम बार प्राप्त वेतन की 50 प्रतिशत से अधिक होगी।
क्या है राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली या एनपीएस (National pension system) (nps)
लचीली - राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एक उचित तरीके से निवेश के विकास की योजना के लिए निवेश विकल्प एवं पेंशन निधि (PF) के चुनाव की विभिन्नता प्रदान करता है। इसमें अभिदाता एक निवेश विकल्प से अन्य में जा सकता है या एक फंड मैनेजर से अन्य में जा कर सकता है।
सरल - राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली या एनपीएस (National pension system) (nps) के साथ खोला गया खाता एक स्थायी स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्यांक (PRAN) प्रदान करता है, जो एक अद्वितीय संख्या है और यह अपने जीवनकाल के दौरान अभिदाता के साथ रहता है।
टीयर - I खाताः यह एक गैर-आहरण स्थायी सेवानिवृत्ति खाता है जिसमें अभिदाता द्वारा नियमित अंशदान क्रेडिट किया जाता है और अभिदाता के चुने गए पोर्टफोलियो/निधि प्रबंधक के अनुसार निवेश किया जाता है।
टीयर - II खाताः यह एक स्वैच्छिक आहरण खाता है जो केवल तभी अनुमोदित किया जाता है, जब अभिदाता के नाम पर टीयर - I खाता सक्रिय हो। इस खाते से निकासी की अनुमति अभिदाता की जरूरत के अनुसार दी जाती है।
पोर्टेबिल्टी (portability) - राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली नौकरियों एवं स्थानों में पोर्टेबिल्टी (portability) प्रदान करता है। यह निधि निर्माण को पीछे छोड़े बिना अभिदाता के नई नौकरी/स्थान पर स्थानांतरण के समय, हर अभिदाता के लिए परेशानी मुक्त व्यवस्था उपलब्ध कराता है, जैसा कि भारत की विभिन्न पेंशन योजनाओं में होता है।
कम लागत और चक्रवृद्धि की शक्ति का दोहरा लाभः सेवानिवृत्ति तक, पेंशन धन संचय एक समझौता प्रभाव के साथ समय की अवधि से अधिक बढ़ता है। खाते के रखरखाव शुल्क कम होने के कारण, अभिदाता के लिए संचित पेंशन धन के लाभ बड़े जाते हैं।
उपयोग में आसानीः राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली खाता ऑनलाइन प्रबंधनीय है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली खाता को ई-एनपीएस पोर्टल के माध्यम से खोला जा सकता है। इसके अलावा, योगदान ई-एनपीएस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। एक बार पीआरएएन खाता खोलने के बाद, ऑनलाइन लॉगिन आईडी और पासवर्ड अभिदाताओं को दिया जाता है। अभिदाता एक क्लिक पर अपने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली खाते को ऑनलाइन लॉगिन एवं प्रबंधित कर सकता है।
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