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Forex Market : डॉलर के मुकाबले रुपये की सपाट शुरुआत

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Forex Market : बुधवार को विदेश मुद्रा बाजार में डॉलर के मुकाबल रुपया सपाट खुला। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 1 पैसे की मामूली बढ़त के साथ 71.55 के स्तर पर खुला है। वहीं रुपये में कल जोरदार बढ़त देखने को मिली थी। डॉलर के मुकाबले रुपया कल 24 पैसे की बढ़त के साथ 71.56 के स्तर पर बंद हुआ था।

Forex Market : डॉलर के मुकाबले रुपये की सपाट शुरुआत

विदेशी मुद्रा बाजार (Forex Market) में पिछले 10 दिनों की चाल
-मंगलवार को रुपया 24 पैसे की बढ़त के साथ 71.56 के स्तर पर बंद हुआ है।
-सोमवार को रुपया डालर के मुकाबले 56 पैसे टूटकर 71.80 पर बंद हुआ।
-शुक्रवार को रुपया 17 पैसे टूटकर 71.24 के स्तर पर बंद हुआ।
-गुरुवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया 8 पैसे बढ़कर 71.08 के स्तर पर बंद हुआ।
-बुधवार को डॉलर (dollar) के मुकाबल रुपया 1 पैसे घटकर 71.12 के स्तर पर बंद हुआ।
-मंगलवार को डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपया 1 पैसे की कमजोरी के साथ 71.11 के स्तर पर बंद हुआ।
-सोमवार को रुपया (Rupee) डॉलर के मुकाबले 8 पैसे बढ़कर 71.10 के स्तर पर बंद हुआ है।
-शुक्रवार को रुपया (Rupee) डॉलर (dollar) के मुकाबले 11 पैसे टूटकर 71.18 के स्तर पर बंद हुआ है।
-गुरुवार को रुपया (Rupee) 27 पैसे बढ़कर 71.07 के स्तर पर बंद हुआ।
-बुधवार को रुपया (Rupee) 10 पैसे की बढ़त के साथ 71.34 के स्तर पर बंद हुआ।

क्यों होता है रुपया कमजोर या मजबूत
रुपये (Rupee) की कीमत पूरी तरह इसकी मांग एवं आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस पर आयात एवं निर्यात का भी असर पड़ता है। दरअसल हर देश के पास दूसरे देशों की मुद्रा का भंडार होता है, जिससे वे लेनदेन यानी सौदा (आयात-निर्यात) करते हैं। इसे विदेशी मुद्रा भंडार कहते हैं। समय-समय पर इसके आंकड़े रिजर्व बैंक की तरफ से जारी होते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार के घटने और बढ़ने से ही उस देश की मुद्रा पर असर पड़ता है। अमेरिकी डॉलर (dollar) को वैश्विक करेंसी का रुतबा हासिल है। इसका मतलब है कि निर्यात की जाने वाली ज्यादातर चीजों का मूल्य डॉलर में चुकाया जाता है। यही वजह है कि डॉलर के मुकाबले रुपये (Rupee) की कीमत से पता चलता है कि भारतीय मुद्रा मजबूत है या कमजोर। अमेरिकी डॉलर को वैश्विक करेंसी इसलिए माना जाता है, क्योंकि दुनिया के अधिकतर देश अंतर्राष्ट्रीय कारोबार में इसी का प्रयोग करते हैं। यह अधिकतर जगह पर आसानी से स्वीकार्य है।

आप पर क्या असर
भारत अपनी जरूरत का करीब 80% पेट्रोलियम उत्पाद आयात करता है। डालर (dollar) के मुकाबले रुपये (Rupee) में गिरावट से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात महंगा हो जाएगा। इस वजह से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ा सकती हैं। डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई बढ़ जाएगी, जिसके चलते महंगाई बढ़ सकती है। इसके अलावा, भारत बड़े पैमाने पर खाद्य तेलों और दालों का भी आयात करता है। रुपये (Rupee) की कमजोरी से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों और दालों की कीमतें बढ़ सकती हैं।

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English summary

Rupee and dollar exchange rate on 6 February 2019 in hindi

Know The rupee opened at what level on February 6 compared against the dollar.
Story first published: Wednesday, February 6, 2019, 9:25 [IST]
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