RBI MPC Meeting: ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई का दबाव कम होने के मद्देनजर रिजर्व बैंक (RBI)की मौद्रिक नीति समिति (MPC) इस सप्ताह अपना नीतिगत रुख बदल कर तटस्थ यानी न्यूट्रल कर सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई का दबाव कम होने के मद्देनजर रिजर्व बैंक (RBI)की मौद्रिक नीति समिति (MPC) इस सप्ताह अपना नीतिगत रुख बदल कर तटस्थ यानी न्यूट्रल कर सकती है। हालांकि राजकोषीय मार्चे पर चुनौतियों और कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने से समिति के लिए नीतिगत ब्याज दर घटाना अभी संभव नहीं लगता है।
आपको इस बात से अवगत करा दें कि रिजर्व बैंक की MPC द्वैमासिक समीक्षा बैठक मुंबई में पांच से सात फरवरी तक होगी। RBI के नए गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल की यह पहली समीक्षा बैठक है। दास ने 12 दिसंबर को RBI की कमान संभाली।
अक्टूबर-दिसंबर में अनुमान से कम रही खुदरा महंगाई
बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट समीर नारंग ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति आगामी सात फरवरी को अपने नीतिगत रुख को नाप-तोल कर कठोर बनाने की जगह तटस्थ कर सकती है। वहीं अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के 3.8 फीसदी के अनुमान से कम रहकर 2.6 फीसदी रही थी।
खुदरा महंगाई रहेगी 4 फीसदी के दायरे में
हालांकि नारंग ने कहा कि महंगाई में उल्लेखनीय कमी और वैश्विक वृद्धि सुस्त पड़ने से 2018-19 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार फीसदी के दायरे में रहने वाली है। वहीं इससे रिजर्व बैंक को नीतिगत रुख बदलने का मौका मिलेगा। हालांकि स्वास्थ्य, शिक्षा और घरेलू एवं निजी सामान जैसे मुख्य कारकों के उच्च स्तर से दरें बदलने की गुंजाइश सीमित है।
मैग्मा फिनकॉर्प के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजय चमड़िया का मानना है कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट भाषण में रिजर्व बैंक के जरिए दरों में कटौती की भूमिका तैयार की है।
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल नौ फरवरी को रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की बैठक को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह अंतरिम बजट के मुख्य बिंदुओं को रखांकित करेंगे। छठी मौद्रिक नीति समीक्षा के दो दिन बाद यह बैठक होनी है। सूत्रों के मुताबिक नौ फरवरी की बोर्ड की बैठक में वर्तमान वित्त वर्ष के लिए अंतरिम लाभांश के सरकार के अनुरोध पर भी विचार किया जायेगा।