इनकम टैक्स भरना होगा अब पहले से और आसान
आयकर आकलन (Income tax assessment)के सिलसिले में अगले दो साल में करदाताओं को किसी अधिकारी का आमना-सामना नहीं करना होगा।
आयकर आकलन (Income tax assessment)के सिलसिले में अगले दो साल में करदाताओं को किसी अधिकारी का आमना-सामना नहीं करना होगा। इस बारे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा का कहना हैं कि साक्षात्कार में सरकार प्रक्रियाओं को सुगम बनाने का प्रयास कर रही है।
बता दें कि सरकार की इसी पहल के तहत आयकर दाताओं को पहले से भरे रिटर्न फॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे। चंद्रा ने बजट बाद साक्षात्कार में कहा करदाताओं को 'नामरहित और चेहरारहित' सेवाओं की आपूर्ति के लिए विभाग ने पिछले साल करीब 2.06 लाख आयकर आकलन के मामले ऑनलाइन निपटाए। वहीं उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि सरकार ने हाल में आयकर विभाग को केंद्रीयकृत प्रसंस्करण केंद्र 2.0 को मंजूरी दी है। यह भविष्य की स्थिति को दिखाता है।
सीपीसी 2.0 के तहत कई नई चीजें जोड़ी
इस विषय में चंद्रा का कहना हैं कि सीपीसी 2.0 के तहत कई नई चीजें जोड़ी गई हैं। हमें करदाता के बारे में स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के जरिये जो सूचना मिलेगी उसके आधार पर उन्हें पहले से भरा हुआ रिटर्न फॉर्म दिया जाएगा। इससे रिटर्न की जांच पड़ताल 24 घंटे में हो सकेगी।
हमने सीपीसी 2.0 का परिचालन करने वाले वेंडर से यह करार किया है कि यदि आयकर रिटर्न को एक दिन में जांच लिया जाता है तो उसे अधिक पैसा दिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि यह प्रणाली दो साल में लागू हो जाएगी।इससे कर अनुपालन भी बेहतर हो सकेगा।
इस बात से अवगत करा दें कि बेंगलुरु में मौजूदा सीपीसी आयकर विभाग की नोडल इकाई जो सभी वर्गों के आयकरदाताओं द्वारा दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की जांच करती है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अंतरिम बजट घोषणा कि आयकर विभाग अब उस दिशा में बढ़ रहा है जबकि आयकरदाताओं को अधिकारियों का सामना करने की जरूरत नहीं होगी।
सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि विभाग पहले ही इस पहल पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि अभी 0.46 प्रतिशत आयकर मामलों की जांच के दायरे में लाए जाते हैं। जबकि 99.54 प्रतिशत आयकर रिटर्न जैसे होते हैं उन्हें वैसे ही स्वीकार किया जाता है।