Budget 2019: सरकारी बीमा कंपनियों में डाले जा सकते हैं 4000 करोड़ रुपए
सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों(Insurance company) में आगामी बजट में 4,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जा सकती है।
सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों(Insurance company) में आगामी बजट में 4,000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की जा सकती है। इन कंपनियों की माली हालत बेहतर करने के लिए सरकार उनमें यह पूंजी डाल सकती है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट (Budget)एक फरवरी को पेश किए जाने की संभावना है।
वित्तीय सेवा विभाग ने 4,000 करोड़ रुपए की मांग की
बता दें कि सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की नेशनल इंश्योरेंस कंपनी (National Insurance Company), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी(Oriental Insurance Company) और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस(United India Insurance Company) कंपनी में पूंजी डालने के लिए वित्तीय सेवा विभाग ने 4,000 करोड़ रुपए की मांग की है।
सूत्रों ने बताया कि बजट में आवंटित की जाने वाली पूंजी के बाद हर कंपनी को पूंजी का बंटवारा किया जाएगा।
अधिकतर साधारण बीमा कंपनियों के लाभ कमाने की स्थिति बेहतर नहीं है। इसकी अहम वजह प्रीमियम से आय के मुकाबले ज्यादा दावे पेश किए जाने से होने वाले नुकसान का दबाव है।
विलय का प्रस्ताव पिछले बजट में दिया था सरकार ने
इस बात पर भी ध्यान देने की आवश्यकता हैं कि 2018-19 के बजट में सरकार ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के विलय का प्रस्ताव किया था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था कि इन तीनों कंपनियों को मिलाकर एक बीमा कंपनी बनाया जाएगा। इस विलय को संभवत: चालू वित्त वर्ष में पूरा कर लिया जाए।
हांलाकि तीनों कंपनियों के पास 31 मार्च 2017 तक कुल साधारण बीमा बाजार की 35 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इनके पास 200 से ज्यादा बीमा उत्पाद हैं जिनका कुल प्रीमियम 41,461 करोड़ रुपए रहा।
एक फरवरी को मोदी सरकार पेश करेगी अंतरिम बजट
जैसा की हम सब जानते हैं कि एक फरवरी को मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी। अंतरिम बजट रेल मंत्री पीयूष गोयल पेश करेंगे क्योंकि अरुण जेटली अस्वस्थ हैं और इलाज के लिए विदेश में हैं। इस वजह से वित्त और कॉरपोरेट मामलों का प्रभार गोयल को दिया गया है।
कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी सेक्टर उम्मीद कर रहे हैं कि बजट में सभी के लिए कुछ खास होगा। अब देखना ये हैं कि वाकई इस बजट से लोगों को राहत मिली या नहीं।