बजट 2019 से व्यापारियों को हैं ये उम्मीदें
अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है उससे पहले लोगों और विभिन्न संगठनों ने अपनी मांग रखना शुरु कर दिया है।
अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है उससे पहले लोगों और विभिन्न संगठनों ने अपनी मांग रखना शुरु कर दिया है। देश के थोक एवं खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यापारियों के लिए आगामी बजट में 10 लाख रुपए तक दुर्घटना बीमा कवर, सस्ती दर पर कर्ज, जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने जैसे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करने की मांग की है।
कैट ने प्रधानमंत्री को भेजे एक पत्र में कहा है कि हमारा आपसे आग्रह है कि व्यापारियों के लिए प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा या तो बजट से पहले कर दी जाए या इसे आगामी बजट का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
जी हां कैट ने पत्र में जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा कवर देने, कंप्यूटर और संबंधित सामान खरीदने पर सब्सिडी, खुदरा व्यापार और ई-कॉमर्स के लिए राष्ट्रीय नीति, खुदरा कारोबार नियामक प्राधिकरण और एक व्यापार संवर्धन परिषद के गठन की मांग रखी है।
जीएसटी को लेकर कैट ने पत्र में कहा है कि जीएसटी की 18 प्रतिशत दर को समाप्त कर दिया जाना चाहिए और 28 प्रतिशत की दर को केवल भोग-विलास और अति लग्जरी वुस्तुओं पर ही रखा जाना चाहिए।
इसके अलावा संगठन ने कहा है कि ऑटो कलपुर्जों, सीमेंट को 28 प्रतिशत की कर श्रेणी से बाहर कर 12 प्रतिशत में रखा जाना चाहिए। कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले सामान और गरीब वर्ग के काम आने वाले सामान को पांच प्रतिशत जीएसटी की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। कैट ने कहा है कि मंडी कर और टोल टैक्स समाप्त किया जाना चाहिए। मकान मालिक और किराएदारों के झगड़े समाप्त करने के लिए एक आदर्श किराएदारी कानून होना चाहिए।
साथ ही मांग की है कि खुदरा व्यापारियों का देशभर में एक सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए और उनके वित्तीय और सामाजिक स्तर के बारे में जानकारी जुटाई जानी चाहिए ताकि उचित नीतियां और कार्यक्रम बनाए जा सकें। कैट ने कहा है मुद्रा योजना के तहत बैंकों से सीधे कर्ज देने की प्रक्रिया को बंद किया जाना चाहिए और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सूक्ष्म वित्त संस्थानों और निजी क्षेत्र के ऋणदाताओं को इसमें शामिल किया जाना चाहिए।