ICICI-Videocon मामले में दर्ज हुई FIR, चंदा कोचर के पति के ठिकानों पर छापेमारी
आईसीआईसीआई और वीडियोकॉन केस में सीबीआई ने अनियमितता के मामले में एफआईआर दर्ज की है। आपको बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल मार्च में प्राथमिकी जांच दर्ज की थी।
विवादों से घिरी आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर पर एक और दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। आईसीआईसीआई और वीडियोकॉन केस में सीबीआई ने अनियमितता के मामले में एफआईआर दर्ज की है। आपको बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल मार्च में प्राथमिकी जांच (PE) दर्ज की थी। मनी भास्कर की रिर्पोट के अनुसार साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि सीबीआई ने इस मामले में मुंबई के विडियोकॉन के नरीमन प्वॉइंट स्थित मुख्यालय में छापेमारी की है।
यह छापेमारी विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में ICICI बैंक से मिले 3,250 करोड़ रुपए के लोन मामले के सिलसिले में हो रही है। इसके साथ ही सीबीआई वीडियोकॉन के औरंगाबाद में मौजूद ऑफिसों की भी तलाशी ली है। बता दें कि न्यूपावर कंपनी पर आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और सुप्रीम पावर का संयुक्त मालिकाना हक है।
आरोप यह है कि कि दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की ओर से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार 2012 में आईसीआईसीआई बैंक की ओर से वीडियोकॉन समूह को मिले 3,250 करोड़ रुपए के लोन के बाद वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने कथित रुप से न्यूपावर में करोड़ों रुपए का निवेश किया है।
तो वहीं वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपए न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था। इस मामले के सामने आने के बाद सीबीआई ने वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर और अज्ञात लोगों के खिलाफ पिछले साल मार्च में प्राथमिक जांच दर्ज की थी।
चंदा कोचर पर कुछ ऋणदाताओं के साथ हितों के टकराव और एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। चंदा कोचर के खिलाफ अज्ञात 'व्हिसल ब्लोअर' द्वारा आरोप लगाए गए थे। साथ ही आईसीआईसीआई बैंक की विडियोकॉन ग्रुप एवं न्यूपावर के बीच सौदों के संबंध में भी कई आरोप लगे थे।