हर दिन 2,200 करोड़ रुपए बढ़ी भारतीय धनकुबेरों की संपत्ति
साल 2018 में 1 प्रतिशत धनकुबेर 39 प्रतिशत अधिक अमीर हुए, जबकि वित्तीय रुप से कमजोर लोगों की संपत्ति में महज तीन प्रतिशत का इजाफा हुआ।
भारत के धनकुबेरों की संपत्ति में पिछले साल रोजाना 2,200 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। साल 2018 में 1 प्रतिशत धनकुबेर 39 प्रतिशत अधिक अमीर हुए, जबकि वित्तीय रुप से कमजोर लोगों की संपत्ति में महज तीन प्रतिशत का इजाफा हुआ। यह जानकारी ऑक्सफेम द्वारा सोमवार को जारी एक अध्ययप से यह जानकारी दी गई।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिर्पोट
आपको बता दें कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की सालाना पांच दिवसीय बैठक से पहले जारी सालाना अध्ययन के अनुसार ग्लोबल स्तर पर साल 2018 में धनकुबेरों की संपत्ति में रोजाना 12 प्रतिशत या 2.5 अरब डॉलर का इजाफा हुआ, जबकि दुनिया के सबसे गरीब तबके के लोगों की संपत्ति में 11 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
कर्ज में डूबे हुए भारतीय
ऑक्सफेम ने कहा कि 13.6 करोड़ भारतीय वर्ष 2004 से ही कर्ज में डूबे हैं। 13.6 करोड़ की यह जनसंख्या देश की सबसे गरीब आबादी का 10 प्रतिशत है। ऑक्सफेम ने कहा कि अमीरी-गरीबी के बीच यह बढ़ती खाई गरीबी के खिलाफ लड़ाई को कमजोर, अर्थव्यवस्था को बर्बाद और पर्यटन में लोगों का गुस्सा बढ़ा रही है।
अपजानक स्थिति
ऑक्सफोम इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक के अनुसार नैतिक रुप से ये बेहद अपमानजनक है कि मुट्ठीभर अमीर लोग भारत की संपत्ति में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते जा रहे हैं, जबकि गरीब दो जून की रोटी और बच्चों की दवा तक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष एक प्रतिशत और बाकी भारत के बीच यह असमानता बरकरार रही, तो इससे इस देश की सामाजिक और लोकतांत्रित संरचना पूरी तरह बिगड़ जाएगी।
कुछ ही लोगों तक सिमट के रह गई है संपत्ति
ऑक्सफेम ने बताया कि संपत्तियां कुछ ही लोगों तक सिमटती जा रहे हैं। 26 लोगों के पास उतनी संपत्ति है, जितनी दुनिया के 3.8 अरब लोगों के पास है और ये दुनिया की आधी सबसे गरीब जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत की 10 प्रति जनसंख्या के पास देश की कुल संपत्ति का 77.4 प्रतिशत हिस्सा है। जबकि एक प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 51.53 प्रतिशत हिस्सा है।