Interim Budget: पांच लाख रुपये हो सकती है इनकम टैक्स छूट की सीमा
वेतनभोगी वर्ग के लिए आयकर छूट की सीमा वर्तमान 2.5 से बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है। हर बार की तरह इस बार भी सरकार मीडियम क्लास को बड़ी राहत दे सकती है।
वेतनभोगी वर्ग के लिए आयकर छूट की सीमा वर्तमान 2.5 से बढ़ाकर 5 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है। हर बार की तरह इस बार भी सरकार मीडियम क्लास को बड़ी राहत दे सकती है।
जबकि मेडिकल खर्चो और परिवहन भत्ते को भी फिर से बहाल कर सकते हैं। इससे नोटबंदी के कारण बेहाल मध्य वर्ग को थोड़ी राहत मिलेगी। यदि ऐसा होता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को मिलेगा।
मिडिल क्लास को खुश करने की कोशिश
हालांकि अंतरिम बजट में बहुत अधिक मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता है। वहीं सरकारी सूत्रों ने बताया कि इसलिए करों के स्लैब को सिस्टेमेटिक करने की योजना बनाई गई है, जो किसी भी स्थिति में आगामी प्रत्यक्ष कर संहिता के अनुरूप होंगे।
इसमें यह समस्या आ सकती है कि प्रत्यक्ष कर संहिता रिपोर्ट के आने से पहले आम बजट 28 फरवरी को आ जाएगा, जिससे रिपोर्ट जारी होने से पहले दरों से छेड़छाड़ इसे विवादास्पद बना देगा।
टैक्स स्लैब यह है फिलहाल
नए प्रत्यक्ष कर संहिता के दायरे में ज्यादा से ज्यादा कर निर्धारती (एसेसी) को कर के दायरे में लाने की कोशिश की जाएगी। ताकि अलग-अलग वर्गो के करदाताओं के लिए अधिक न्यायसंगत प्रणाली बनाई जाए। वहीं कॉर्पोरेट कर में कमी किया जाए और व्यवसायों को प्रतिस्पर्धी बनाई जाए।
फिलहाल 2.5 लाख रुपये की आय को निजी आयकर से छूट प्राप्त है, जबकि 2.5-5 लाख रुपये के बीच की सालाना आय पर 5 फीसदी कर लगता है। वहीं दूसरी तरफ 5-10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी कर लगता है।
80 साल के उम्र के लोगों को भी छूट
वहीं 80 साल से ज्यादा की उम्र वाले लोगों को 5 लाख रुपये सालाना की आय पर कर छूट प्राप्त है। वहीं इसके अलावा पिछले साल 5 लाख रुपये की आय वालों के लिए सालाना 15 रुपये तक के मेडिकल खर्चों और 19,200 रुपये तक के परिवहन भत्तों को हटाकर उसकी जगह 20 हजार रुपये की मानक कटौती लाया था।